घूसखोर डिप्टी SP को डिमोशन करके दरोगा बनाया:रामपुर में तैनात रहे विद्या किशोर का डिमोशन, गैंगरेप मामले में रिश्वत ली थी 

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रिश्वतखोरी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। डिप्टी एसपी का डिमोशन करके वापस सब-इंस्पेक्टर यानी दरोगा बना दिया है। रामपुर जिले में तैनात रहे डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा पर 5 लाख रुपए घूस लेने की कार्रवाई पर हुई है। झोले में नोट भरकर लेने का उनका वीडियो भी वायरल हुआ था। शर्मा अभी जालौन जिले की पीटीसी ब्रांच में तैनात हैं। विद्या किशोर शर्मा को डिमोशन के बाद निलंबित कर दिया गया है।

दिसंबर 2021 में विद्या किशोर शर्मा को निलंबित कर दिया गया था। CM योगी आदित्यनाथ ने विद्या किशोर के डिमोशन की जानकारी ट्वीट कर दी है। निलंबन के बाद विद्या किशोर को DGP कार्यालय से संबद्ध किया है। रामपुर में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात रहे विद्या किशोर एक मामले में रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा। उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसके बाद शासन स्तर पर जांच कराई गई।

गैंगरेप मामले में 5 लाख घूस लेने का मामला
मामला 9 सितंबर 2021 से शुरू हुआ। रामपुर में तैनात रहे डिप्टी एसपी विद्या किशोर शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। एक महिला ने आरोप लगाया कि अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर रामवीर यादव ने उसके साथ गैंगरेप किया। शिकायत के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। मामले को रफा-दफा कराने के लिए पांच लाख की घूस लेते हुए वीडियो सामने आया।

आरोपी इंस्पेक्टर रामवीर यादव और अस्पताल संचालक विनोद यादव पर FIR दर्ज किया गया। CO विद्या किशोर शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद शासन के आदेश पर जांच ASP मुरादाबाद को सौंपी गई। जांच में विद्या किशोर शर्मा पर घूस लेने के आरोप सही पाए गए।

RTI कार्यकर्ता ने की थी शिकायत
रामपुर में दो साल तक तैनाती के दौरान विद्या किशोर शर्मा हमेशा चर्चा में रहे। 5 लाख रुपए घूस लेने के मामले में उन्हें निलंबित किया गया था। तब भी मुख्यमंत्री ने खुद ट्विट कर उनके निलंबित करने की जानकारी इंटरनेट मीडिया पर सार्वजनिक की थी। अब फिर मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मूल पद पर कर दिया है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मॉडल कॉलोनी निवासी RTI कार्यकर्ता दानिश खां ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में उठाया था। मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी।

दोबारा CO बनने में लग सकते हैं 12 साल
डिमोशन के बाद अब उन्हें दोबारा CO बनने में 10 से 12 साल का समय लग सकता है। अभी मूल पद सब इंस्पेक्टर पर भेजे गए हैं। इसके बाद इंस्पेक्टर बनने में संभावित 8 से 10 साल लग सकते हैं।


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