लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को वायु प्रदूषण के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दिवाली की सुबह हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर दर्ज की गई है. वायु प्रदूषण के कारण आसमान में धुंआ छाया हुआ है. एयर क्वालिटी बेहद खराब हुई है. प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है. राजधानी लखनऊ से लेकर कानपुर, मेरठ, नोएडा तक एयर क्वालिटी इंडेक्स में भारी बढोत्तरी देखने को मिली. कई जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 से ज्यादा हो गया है.
लखनऊ से लेकर गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर, मेरठ समेत यूपी के अलग-अलग इलाकों में भारी प्रदूषण देखने को मिल रहा है. वायुमंडल में धुंआ-धुआं ही दिखाई दे रहा है. प्रदूषण से बीमार लोगों का सांस लेना काफी मुश्किल हो रहा है. नोएडा के सेक्टर 116 में एयर क्वालिटी इंडेक्स 349, सेक्टर 62 में 334 और सेक्टर 1 में 317 दर्ज किया गया है. जिसके कारण यहां लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
गाजियाबाद सबसे ज्यादा प्रदूषित
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद सबसे ज्यादा प्रदूषित जिला है. यहां प्रदूषण के कारण लोग बीमार हो गए हैं. लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है. गाजियाबाद के लोनी में एयर क्वालिटी इंडेक्स 369 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब है. इसके अलावा लखनऊ की बात करें तो राजधानी में लालबाग इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 207 दर्ज किया गया. इसके अलावा राजधानी के कुकरैल में 204, सेंट्रल स्कूल में 195, तालकटोरा में 187 अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में 173 और गोमती नगर में 157 दर्ज किया गया है. पूरे राज्य की बात करें तो वृंदावन एयर क्वालिटी इंडेक्स में सबसे बेहतर है. अन्य जिलों की तुलना में यहां प्रदूषण बेहद कम है. यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 106 दर्ज किया गया.
मेरठ के आसमान में स्मोक की चादर
मेरठ में भी कल जमकर पटाखे फोड़े गए. नतीजन यहां की वायु भी बेहद प्रदूषित है. मेरठ के आसमान में स्मोक की चादर चढ़ी हुई है. यहां एयर पॉल्यूशन इंडेक्स ढाई सौ के पार पहुंच गया है. मेरठ के गंगानगर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 253 है. मेरठ के अलावा कानपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 263, आगरा के संजय पैलेस में 322, प्रयागराज में 164 और वाराणसी में 180 है. वायुमंडल में फैले प्रदूषण से लोग बीमार हो रहे हैं. प्रदूषण के कारण बीमार लोगों का सांस लेना भी दूभर हो रहा है.