Anil Ambani Loan Fraud Case ईडी ने अब अनिल अंबानी की कंपनियों को लोन देने वाले बैंकों को रडार पर लिया है और करीब 20 बैंकों के अधिकारियों से इस मामले में पूछताछ हो सकती है। इस खबर से अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के शेयर भारी दबाव के साथ कारोबार कर रहे हैं। रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा दोनों कंपनियों के शेयर 5-5 फीसदी तक टूट गए हैं।

नई दिल्ली। मशहूर कारोबारी अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों (Anil Ambani Companies Shares) के शेयर पिछले कई दिनों से मुश्किल में हैं। दरअसल, 17000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले (Anil Ambani Loan Fraud Case) में सरकारी जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार उन पर शिकंजा कस रही है और अब इस मामले में उनके मददगार बैंकों से भी पूछताछ करेगी। 4 अगस्त को भी अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के शेयर भारी दबाव के साथ कारोबार कर रहे हैं। रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा, दोनों कंपनियों के शेयर 5-5 फीसदी तक टूट गए हैं।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह को लोन देने वाले प्राइवेट और सरकारी बैंकों के अधिकारियों को कथित ₹17,000 करोड़ के बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब करेगा।
बैंकों से पूछे जाएंगे ये सवाल
ईडी के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर ईटी को बताया कि हम यह जानना चाहते हैं कि बैंकों ने इस मामले में क्या एक्शन लिए, खासकर उन कंपनी के खिलाफ जो डिफॉल्ट हुई हैं। क्या उन्होंने संबंधित एजेंसी से कंपनी के खिलाफ इस आपराधिक मामले की शिकायत की।”
इसके अलावा, ईडी इस मामले में बैंक अधिकारियों द्वारा क्रेडिट असेसमेंट की जानकारी भी हासिल करेगी, और आने वाले दिनों में एजेंसी बैंक अधिकारियों को समन भेजेगी।
इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने अनिल अंबानी अंबानी को तलब किया है, और उनके समूह से जुड़े कई ठिकानों पर छापे डाले थे। रिलायंस के खिलाफ उनके द्वारा शुरू की गई कार्रवाई के बारे में अधिकारियों से पूछताछ करेगी। सरकारी एजेंसी 5 अगस्त को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अनिल अंबानी का बयान दर्ज करेगी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को अनिल अंबानी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (Look Out Circular against Anil Ambani) जारी किया। इससे पहले ED ने उन्हें 5 अगस्त को पेश होने के लिए समन भेजा था। यह कदम ईडी द्वारा कथित तौर पर 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले की चल रही जांच के बीच उठाया गया है।
अब वह बिना अनुमित के भारत से बाहर नहीं जा सकते। अनिल अंबानी अगर विदेश विदेश यात्रा करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें एयरपोर्ट या बंदरगाह पर हिरासत में लिया जा सकता है।
ED ने जारी किया था समन
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कथित ₹17,000 करोड़ के लोन फ्रॉड केस की चल रही जांच के सिलसिले में अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया था। ईडी ने उन्हें 5 अगस्त को दिल्ली दफ्तर में पेश होने के लिए कहा है। उनसे इस केस से जुड़ी डिटेल के बारे में पूछताछ की जाएगी।
पिछले हफ्ते हुई थी छापेमारी
ईडी ने पिछले सप्ताह मुंबई में 35 स्थानों पर अनिल अंबानी के रिलायंस समूह से जुड़ी कई संस्थाओं और व्यक्तियों पर छापेमारी की थी। ये परिसर 50 कंपनियों और 25 लोगों के थे, जिनमें अनिल अंबानी समूह की कंपनियों के कई अधिकारी भी शामिल थे।
ईडी सूत्रों ने कहा था कि जांच मुख्य रूप से 2017-2019 के बीच अंबानी की समूह कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अवैध लोन डायवर्जन के आरोपों से संबंधित है।
रिलायंस समूह का बयान
रिलायंस समूह के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि 10,000 करोड़ रुपये की राशि किसी अज्ञात पक्ष को कथित रूप से हस्तांतरित करने का आरोप 10 साल पुराना है और कंपनी ने अपने वित्तीय विवरणों में बताया था कि उसका बकाया केवल 6,500 करोड़ रुपये के आसपास था।
बयान में कहा गया है कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने लगभग छह महीने पहले, 9 फरवरी, 2025 को इस मामले का सार्वजनिक रूप से खुलासा किया था।
बयान में कहा गया है, “सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा आयोजित अनिवार्य मध्यस्थता कार्यवाही और माननीय बॉम्बे उच्च न्यायालय में दायर मध्यस्थता निर्णय के माध्यम से, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर 6,500 करोड़ रुपये के अपने 100 प्रतिशत बकाया की वसूली के लिए एक समझौते पर पहुंची।”
इससे पहले ED के सामने पेश हो चुके हैं अनिल अंबानी
यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी संबंधित जांच के सिलसिले में ईडी मुख्यालय का रुख करेंगे। उन्हें, उद्योग जगत के अन्य प्रमुख हस्तियों के साथ, मार्च 2020 में कथित यस बैंक मामले में अधिकारियों द्वारा तलब किया गया था।
उस समय, अनिल अंबानी ने यस बैंक के साथ किसी भी तरह के गैरकानूनी संबंध से इनकार किया था और कहा था कि बैंक के साथ उनके संबंध नियमित व्यावसायिक प्रोटोकॉल का हिस्सा हैं। उन्होंने अपने समूह और यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर या उनके परिवार के सदस्यों के बीच किसी भी तरह के संबंध से भी इनकार किया।