क्या होते हैं टेक्टिकल न्यूक्लियर हथियार कितने होते हैं ये खतरनाक?

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रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर से कहा है कि रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) में उनकी सीमा पर हमला हुआ तो वे परमाणु हथियारों के इस्तेमाल में नहीं हिचकिचाएंगे. इसके लिए वे सामरिक परमाणु हथियारों (Tactical Nuclear Weapons) का भी उपयोग कर सकते हैं. यह पहली बार नहीं है जब रूस ने इस तरह की धमकी दी है. इस बयान से सामरिक परमाणु हथियार सुर्खियों में आ गए हैं.

रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) में अभी क्या स्थिति है, यह तय करना बहुत मुश्किल है. दोनों ही पक्ष लंबे समय के नतीजों के लिए अपनी अपनी रणनीति से काम कर रहे हैं. इस बीच खबरें आ रही हैं कि रूस पर्वी यूक्रेन में कमजोर पड़ गया है. रूस की ओर से भी एक बार फिर से अपने सुरक्षा के लिए अपने हर तरह के हथियार का उपयोग करने से गुरेज ना करने का बयान आया है. पश्चिमी देश इसे सीधे तौर पर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी मानी जाती है. लेकिन यह तय है कि अभी इस युद्ध में निर्णायक कुछ भी नहीं हुआ है. हां सामरिक परमाणु हथियारों (Tactical Nuclear Weapons)  का जिक्र जरूर हो रहा है. जो कि बहुत से लोगों के लिए नया शब्द है.

युद्ध का अपना अपना कारण
इस युद्ध में जहां पश्चिमी देश यूक्रेन के हक की लड़ाई में उसका समर्थन देने की बात कर रहे हैं, वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यह युद्ध रूस के अस्तित्व की लड़ाई है और पश्चिम रूस को कमजोर कर, बांटकर उसे खत्म करना चाहता है. पुतिन ने रूस की रक्षा के लिए सामरिक परमाणु हथियारों का उपयोग करने से भी हिचक ना दिखाने का ऐलान किया है इससे एक अलग तरह का तनाव पैदा होता दिख रहा है.

किस तरह के हथियार होते हैं सामरिक परमाणु हथियार
सामरिक रणनीतिक हथियार युद्ध के मैदान मे उपयोग में लाए जाने वाले दूसरे हथियारों की तरह नही होते हैं. वे अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत नियंत्रित भी नहीं होते हैं. इन्हें कई बार बैटलफील्ड या नॉन स्ट्रैटजिक परमाणु हथियार भी कहा जाता है. इन्हें युद्ध के मैदान में उपयोग करने के लिए तैयार किया जाता है. इन्हें विशाल सेना को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है. ये रणनीतिक परमाणु हथियों से छोटे होते हैं. इन्हें इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल में उपयोग में लाया जा सकता है.

शक्ति की क्षमता से पहचान
सामान्यतः सामरिक परमाणु हथियार की सुनिश्चित रूप से परिभाषित नहीं किया जाता है.  इन्हें निम्न विस्फोटक प्रतिफल के गुण के रूप में पहचाना जाता है जिसे किलोटन में मापा जाता है. इन्हें कम दूरी के वाहनो द्वारा फेंका जा सकता है. इनका प्रतिफल एक किलोटन से लेकर 50 किलोटन के बीच होता है.

और ज्यादा शक्तिशाली हथियार
रणनीतिक परमाणु हथियार प्रतिफल में ज्यादा शक्तिशाली होते हैं. जो 100 किलोटन से लेकर एक मेगाटन तक शक्तिशाली होते है. शीतयुद्ध में तो इससे भी ज्यादा शक्तिशाली परमाणु हथियार तैयार किए गए थे जिसमें सार बोम्बा की क्षमता 50 से भी ज्यादा मेगाटन की शक्ति थी. वही हिरोशिमा में गिराया गया परमाणु बम 15 किलोटन की क्षमता का था.

कम विनाशकन नहीं होते हैं ऐसे हथियार
साफ है कि कई सामरिक परमाणु हथियार व्यापक विनाश करने में सक्षम होते हैं. सबसे बड़ा परंपरागत परमाणु बम, जिस मदर ऑफ ऑल बम्स कहा जाता है, अमेरिका ने गिराया है जिसकी क्षमता 11 टन की थी. सामरिक परमाणु हथियारों को छोटी दूरी से ही छोड़ा जा सकता है जो करीब 500 किलोमीटर की दूरी से कम होती है.

किस देश के पास ऐसे कितने हथियार
जहां अमेरिका इस तरह के हथियार जमा करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाता है और उसके इस तरह के अधिकांश हथियार यूरोप मे ही तैनात है. यूके और फ्रांस में इस तरह से हथियार नहीं हैं. पाकिस्तान, चीन, भारत, इजराइल और उत्तर कोरिया के पास इस तरह के कई हथियार है. रूस के पास इस तरह के हथियारों की भरमार बताई जाती है. रूस इसे अपने मिसाइल सिस्टम, युद्धपोतो और पनडुब्बियों में इन हथियारों को तैनात कर सकता है.

इस युद्ध में रूस ने बार बार परमाणु हथियारों के उपयोग का जिक्र किया है और पश्चिमी देशों को दखल से दूर रहने की चेतावनी दी है. एक तरह से  इस युद्ध में पश्चिमी देश और यूरोप यूक्रेन के साथ हैं तो वहीं रूस पूरी दुनिया में एक तरह से अकेला ही है. परमाणु हथियारों के मामले में एक बड़ा सवाल यह है कि सामरिक परमाणु हथियार अगर इस युद्ध में इस्तेमाल किए गए तो क्या वे बड़े घातक परमाणु हथियारों के उपयोग की शुरुआत माने जाएंगे या नहीं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह युद्ध को एक अलग ही स्तर पर ले जाएगा और संभवतः विश्व युद्ध की शुरुआत का कारण भी हो सकता है.

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