डायबिटीज पेशेंट को रहता है डेंगू शॉक सिंड्रोम का ज्यादा खतरा, जानें क्या है बिमारी और इसके लक्षण

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लखनऊ : देश में अधिक समय तक मानसून रहने के बाद अब एक बार फिर से डेंगू का कहर बरप रहा है. उत्तर भारत समेत देश के कई राज्यों में इस समय डेंगू खतरनाक स्थित में पहुंच गया है. दिल्ली, यूपी, हरियाणा में डेंगू का अचानक से प्रकोप दिखा और देखते देखते ही हजारों मामले सामने आ गए जबकि कई लोगों की इससे मौत भी हो गई. डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है और इससे पीड़ित मरीज में प्लेटलेट्स तेजी से डाउन होने लगती है.

डेंगू के अधिकांश मामले हल्के होते हैं लेकिन कई मामले बहुत ही अधिक गंभीर हो जाते हैं.  चिकित्सिकों के अनुसार मधुमेह के रोगी डेंगू के लक्षणों को विकसित करने प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं क्योंकि यह रोग ब्लड में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ा सकता है. मधुमेह के रोगियों को कई तरह की दूसरी बीमारियां होने का खतरा अधिक होता है और डेंगू कोई अपवाद नहीं है.

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि अनियंत्रित रक्त शर्करा के स्तर वाले लोगों को विशेष रूप से डेंगू की दुर्लभ जटिलताओं जैसे कि डेंगू शॉक सिंड्रोम विकसित होने का खतरा अधिक होता है. इससे उनमें तेज बुखार, लिवर को नुकसान और तेज ब्लीडींग का कारण बनता है.

क्या है डेंगू शॉक सिंड्रोम
डेंगू शॉक सिंड्रोम डेंगू की एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें तेज बुखार आने लगता है और साथ ही नाक और मसूड़ों से खून बहने लगता है. इसमें लिम्फ और ब्लड कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है. डेंगू शॉक सिंड्रोम में पीड़ित मरीज की संचार प्रणाली खत्म होने लगती है. अगर इसे शुरुआत में ही कंट्रोल नहीं किया गया तो यह सदमे, तीव्र ब्लीडिंग से लेकर मृत्यु तक का कारण बनती है.

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