‘हमेशा की तरह दावे और आपत्तियां चुनाव के बाद ही देंगे राहुल?’ चुनाव आयोग का कांग्रेस नेता पर कटाक्ष

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चुनाव आयोग ने लोकसभा में विपक्ष के नेता पर यह कटाक्ष कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाने के एक दिन बाद किया है। तीनों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने उनसे चुनाव संचालन नियमों के प्रावधानों के अनुसार शपथ-पत्र देकर ऐसे मतदाताओं के नाम पेश करने को कहा है।

EC officials question Rahul Gandhi over delay in filing objections on draft Bihar poll roll
चुनाव आयोग और राहुल गांधी – फोटो : India Views

चुनाव आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को सवाल उठाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अभी कोई आपत्ति क्यों नहीं जताई। यह सवाल बिहार की मतदाता सूची के मसौदे में नाम जोड़ने या हटाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल की ओर से चुनाव आयोग से संपर्क न करने के बाद किया गया। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेता अपने दावे और आपत्तियां अभी देने के बजाय चुनाव के बाद ही देंगे।

चुनावी आयोग के नवीनतम बुलेटिन के मुताबिक, 1 अगस्त को बिहार मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन के बाद से किसी भी राजनीतिक दल ने नाम जोड़ने या हटाने के अनुरोध के साथ आयोग से संपर्क नहीं किया है। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हमेशा की तरह राहुल गांधी बिहार की एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) में अपने दावे और आपत्तियां चुनाव के बाद ही देंगे।’

चुनाव आयोग ने लोकसभा में विपक्ष के नेता पर यह कटाक्ष कर्नाटक, महाराष्ट्र और हरियाणा में ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाने के एक दिन बाद किया है। तीनों राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने उनसे चुनाव संचालन नियमों के प्रावधानों के अनुसार शपथ-पत्र देकर ऐसे मतदाताओं के नाम पेश करने को कहा है।

राहुल के आरोप और दावों को समझिए

    • इससे पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को संस्थागत चोरी करार देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि चुनाव आयोग गरीबों के मताधिकार को छीनने के लिए इस चोरी को अंजाम देने के लिए भाजपा के साथ खुलेआम मिलीभगत कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में SIR इसलिए लाया गया है, क्योंकि चुनाव आयोग जानता है कि हमने उनकी चोरी पकड़ ली है।
  • राहुल गांधी अपने दावों को दोहराते हुए कहा कि कर्नाटक की बंगलूरू सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में पांच तरह की हेराफेरी के जरिए 1 लाख से ज्यादा वोट चुराए गए। 2024 के लोकसभा चुनावों में महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोट चुराए गए। मुझे पूरा विश्वास है कि भारत में ऐसी 100 से ज्यादा सीटें हैं। यहां जो हुआ है, वही इन सीटों पर भी हुआ है। अगर भाजपा की 10-15 सीटें कम होतीं, तो मोदी प्रधानमंत्री नहीं होते और भारत में विपक्षी गठबंधन इंडिया सरकार होती।
  • राहुल ने कहा कि जब वे छोटे थे, 1980 में, वे अपनी बहन प्रियंका के साथ रात में बाहर जाकर प्रचार के लिए पोस्टर चिपकाते थे। उन्होंने कहा, ‘मैं चुनावों को समझता हूं और पिछले 20 साल से खुद चुनाव लड़ रहा हूं। मतदान कैसे होता है, मतदान केंद्रों का प्रबंधन कैसे होता है, मतदाता सूची, फॉर्म 17, मैं ये सब समझता हूं। कुछ समय पहले हमें लगा कि कुछ गड़बड़ है। चुनाव नतीजे माहौल के उलट होते हैं। मुझे याद है उत्तराखंड में हम चुनाव हार गए थे। मैंने उम्मीदवार से कहा कि जाकर पता करो कि हमें कितने वोट मिले, जहां एक रोड शो हुआ था। हजारों लोग रोड शो में आए थे, लेकिन किसी ने भी मतदान केंद्रों पर वोट नहीं डाला। यह नामुमकिन था, ऐसा हो ही नहीं सकता। फिर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के नतीजे आए और हमें एहसास हुआ कि कुछ गड़बड़ है।
  • राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के बारे में भी बात की, जहां पार्टी ने 2018 में जीत हासिल की थी। उन्होंने कहा कि बाद में कांग्रेस की सरकार छीन ली गई। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भाजपा शासन के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर दिखी, लेकिन 2023 में हमें केवल 65 सीटें मिलीं। यह असंभव है। फिर महाराष्ट्र आया और हमें पहली बार इसका प्रमाण मिला। लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच जादू से नए मतदाता उभरे। इन नए मतदाताओं ने जहां भी वोट दिया, उनका वोट भाजपा को गया।
  • उन्होंने कहा कि जब हमें संदेह हुआ तो हमने अपने गठबंधन सहयोगी नेताओं के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हमने चुनाव आयोग से मतदाता सूची और वीडियो रिकॉर्डिंग मांगी। उन्होंने न तो हमें मतदाता सूची दी और न ही वीडियो रिकॉर्डिंग, जिससे संदेह पैदा हुआ। इससे हमारे मन में यह सवाल उठा कि क्या चुनाव आयोग भाजपा की मदद कर रहा है। क्या चुनाव आयोग चुनाव चुराने में लिप्त है? हमने एक टीम बनाई और उन्हें सच्चाई का पता लगाने को कहा।
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