कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के ‘वोट चोरी’ जैसे आरोपों के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) ने विपक्षी पार्टियों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें ‘वोट चोरी’ जैसे ‘गंदे शब्दों’ का इस्तेमाल करके झूठी कहानी गढ़ने के बजाय, सबूत दिए जाने चाहिए।

चुनाव आयोग ने कहा कि अगर किसी के पास किसी भी चुनाव में किसी व्यक्ति द्वारा वास्तव में दो बार मतदान करने का कोई सबूत है, तो उसे बिना किसी सबूत के भारत के सभी मतदाताओं को ‘चोर’ बताने के बजाय, एक लिखित हलफनामे के साथ चुनाव आयोग के साथ साझा करना चाहिए।

‘एक व्यक्ति एक वोट’ का कानून पहले चुनावों से लागू है- EC

चुनाव आयोग ने कहा कि ‘एक व्यक्ति एक वोट’ का कानून 1951-1952 के पहले चुनावों से ही अस्तित्व में है और लागू है।

‘वोट चोरी’ जैसे ‘गंदे शब्दों’ का इस्तेमाल न करें- चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने कहा कि भारतीय वोटर्स के लिए ‘वोट चोरी’ जैसे ‘गंदे शब्दों’ का इस्तेमाल करके झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं पर सीधा हमला है, बल्कि लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी हमला है।

राहुल गांधी ने लगाया था वोट चोरी का आरोप

बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते आंकड़ों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि 2024 के चुनावों में बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा वोट ‘चोरी’ हुए, जिसके परिणामस्वरूप एक कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई। चुनाव आयोग ने गांधी को अपने दावों पर एक लिखित घोषणा देने का निर्देश दिया था।

कई सीटों पर हुई वोट चोरी- राहुल गांधी

राहुल ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि “एक-दो नहीं, कई सीटें हैं जहां ऐसा हुआ है। यह व्यवस्थित तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है।।चुनाव आयोग को यह पता है। पहले कोई सबूत नहीं था लेकिन अब है।

उन्होंने कहा कि हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं। चुनाव आयोग ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का अपना कर्तव्य नहीं निभा रहा है। पिक्चर अभी बाकी है।