सुप्रीम कोर्ट ने करदाताओं और मध्यम वर्गीय घर खरीदारों को लेकर केंद्र सरकार को अहम निर्देश दिए है। कोर्ट ने घर खरीदारों की स्थिति को देखते हुए सरकार से कहा है कि वह अधूरे पड़े आवास परियोजनाएं को पूरा करने के लिए एक पुनरुद्धार फंड की स्थापना पर विचार करे। बता दें कि यह फंड ऐसे परियोजनाओं को अस्थायी वित्तीय सहायता देगा जो संकट में चल रहे हैं, ताकि घर खरीदारों के हितों की रक्षा हो सके।
मामले में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जेबी पारडीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि राज्य का संवैधानिक कर्तव्य है कि वह एक ऐसा सिस्टम बनाए जिसमें कोई भी बिल्डर घर खरीदारों के साथ धोखा न कर सके और समय पर प्रोजेक्ट पूरा हो। कोर्ट ने कहा कि सरकार मूकदर्शक नहीं बन सकती और उसे घर खरीदारों और देश की अर्थव्यवस्था दोनों की रक्षा करनी होगी।
आरईआरए को लेकर कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (आरईआरए) जैसे संस्थान तब तक कारगर नहीं बन सकते जब तक उनके पास पर्याप्त संसाधन, अधिकार और अमल करने की ताकत न हो। इसके लिए कोर्ट ने हर राज्य की आरईआरए को छह महीने में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्देश भी दिया है ताकि खरीदारों के पैसे का सही इस्तेमाल हो।
स्वामी फंड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का सुझाव
कोर्ट ने सुझाव दिया कि सरकार स्पेशल विंडो फॉर फंडिंग स्टॉल्ड अफोर्डेबल एंड मिडिल (स्वामी) फंड को विस्तार दे या फिर एनएआरसीएल जैसे कॉर्पोरेट निकाय बनाए जो अधूरे परियोजनाओं को टेकओवर करके उन्हें पूरा कर सके। कोर्ट ने आगे ये भी कहा कि ऐसे परियोजनाओं से बचा हुआ इन्वेंट्री सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना में इस्तेमाल हो सकता है।
सुनवाई के दौरान मामले में कोर्ट के अहम निर्देश
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कई अहम निर्देश दिए। इसमें कोर्ट ने कहा कि एनसीएलटी और एनलीएलएटी में खाली पदों को तुरंत भरा जाए और जब तक नियमित नियुक्तियां न हों, सेवानिवृत्त जजों की अस्थायी नियुक्ति की जाए। अदालतों में पानी रिसाव जैसी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए कोर्टरूम्स की स्थिति सुधारने का भी निर्देश दिया गया।कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह तीन महीने के भीतर यह रिपोर्ट दाखिल करे कि इन निर्देशों के पालन में क्या-क्या कदम उठाए गए। इसके अलावा, कोर्ट ने कहा कि हर नया हाउसिंग प्रोजेक्ट, जिसमें 20% से अधिक भुगतान हो चुका हो, उसे स्थानीय राजस्व विभाग में रजिस्टर करना अनिवार्य होगा।
एस्क्रो अकाउंट सिस्टम लागू करने पर जोर
इसके साथ ही कोर्ट ने इस दौरान एस्क्रो अकाउंट सिस्टम लागू करने पर जोर दिया गया ताकि खरीदारों का पैसा सुरक्षित रहे और उसका सही उपयोग हो। अंत में, कोर्ट ने कहा कि घर सिर्फ एक समझौता नहीं, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का हिस्सा है। भारत का शहरी भविष्य इन ईमानदार घर खरीदारों पर टिका है।