Income Tax Return: आयकर विभाग ने बताया अब तक 6 करोड़ से अधिक आईटी रिटर्न दाखिल हुए, 15 सितंबर है आखिरी तारीख

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Income Tax Return: आयकर विभाग ने शनिवार को बताया कि कर निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए अब तक छह करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए समय रहते ही अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर लें। विभाग ने और क्या कहा है, आइए विस्तार से जानें।

Over 6 crore income tax returns filed so far, says Income Tax Department
आयकर रिटर्न – फोटो : Adobe Stock

आयकर विभाग ने शनिवार को बताया कि कर निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए अब तक छह करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं। बिना जुर्माने के आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है।

आयकर विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “करदाताओं और कर पेशेवरों को धन्यवाद, जिन्होंने हमें अब तक 6 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) के मील के पत्थर तक पहुंचने में मदद की है और यह संख्या अब भी जारी है।”

आईटीआर फाइलिंग, कर भुगतान और अन्य संबंधित सेवाओं के लिए करदाताओं की सहायता के लिए, हमारा हेल्पडेस्क 24×7 आधार पर काम कर रहा है। विभाग कॉल, लाइव चैट, वेबएक्स सत्र और ट्विटर/एक्स के माध्यम से सहायता प्रदान कर रहा है। आयकर विभाग ने उन करदाताओं से भी कहा, जिन्होंने निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया है, से अपील की है कि वे अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए जल्द से जल्द इसे दाखिल करें।

आयकर विभाग ने मई में ऐसे व्यक्तियों, एचयूएफ और संस्थाओं (जिन्हें अपने खातों का ऑडिट नहीं करना पड़ता) की ओर से आकलन वर्ष (एवाई) 2025-26 (वित्तीय वर्ष 2024-25 में अर्जित आय के लिए) के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर करने की घोषणा की थी।

आयकर विभाग ने यह फैसला आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म में ‘संरचनात्मक और विषयवस्तु से जुड़े बदलावों’ के कारण लिया था। आयकर रिटर्न फॉर्म्स की अधिसूचना अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में जारी की गई थी। आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर फॉर्म में किए गए बदलावों के साथ-साथ आईटीआर फाइलिंग सुविधाओं और बैक-एंड सिस्टम में भी बदलाव किए जाने की जरूरत थी।

पिछले कुछ वर्षों में आईटीआर दाखिल करने में लगातार वृद्धि देखी गई है। ऐसा बढ़ते अनुपालन और कर आधार के विस्तार के कारण है। निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए, 31 जुलाई, 2024 तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे, जबकि निर्धारण वर्ष 2023-24 में यह संख्या 6.77 करोड़ थी। इसमें साल-दर-साल आधार पर 7.5 प्रतिशत हुई है।

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