देहरादून में कुदरत का कहर: टूटा रिकॉर्ड…101 साल बाद सहस्रधारा में हुई इतनी बारिश, आया सैलाब और सब बहा ले गया

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Dehradun Cloudburst News:बीते 24 घंटे में अकेले सहस्रधारा में 264.0 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से बहुत अधिक है। इससे पहले इतनी बारिश साल 1924 की तीन सितंबर को 212.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो अब तक का ऑलटाइम रिकॉर्ड था।

Cloudburst In Dehradun Sahastradhara Flood broke record so much rainfall after 101 Years Photos
देहरादून में आपदा – फोटो : India Views

उत्तराखंड में इस साल मानसून की बारिश कई इलाकों में तबाही लेकर आई है। सोमवार-मंगलवार की रात दून में हुई बारिश से कई इलाकों में आपदा आई तो लोगों को साल 2013 की केदारनाथ आपदा की याद आ गई। इसके साथ ही दून की बारिश ने 101 साल बाद बारिश का नया रिकॉर्ड भी बनाया।

मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक बीते 24 घंटे में अकेले सहस्रधारा में 264.0 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से बहुत अधिक है। इससे पहले इतनी बारिश साल 1924 की तीन सितंबर को 212.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, जो अब तक का ऑलटाइम रिकॉर्ड था। दूसरे नंबर पर सबसे अधिक बारिश मालदेवता में 149.0 एमएम बारिश दर्ज की गई। कालसी में 119.5, नैनीताल में 105.0 एमएम बारिश हुई। प्रदेशभर की बात करें तो देहरादून में सबसे अधिक बारिश हुई। यहां 66.7 एमएम बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 1136 फीसदी अधिक है।

बारिश के बाद अब सहस्त्रधारा और मालदेवता में आई आपदा ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। एक ओर मूसलाधार बारिश ने सहस्त्रधारा में तबाही मचाई तो वहीं, मालदेवता के केशरवाला में सड़क का करीब 100 मीटर का हिस्सा बहने से तकरीबन 17 गांवों का संपर्क टूट गया।

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देहरादून में आपदा – फोटो : India Views

सहस्त्रधारा में लोगों के घरों, रेस्टोरेंट और होटल में पानी भरने के साथ ही कई मकान जमींदोज हो गए। इतना ही नहीं इलाके के पुल, रास्ते और जगह-जगह हुआ भूस्खलन आपदा की तबाही का मंजर बता रहा है। जबकि कुछ जगहों पर स्थानीय लोगों और पर्यटकों के वाहन भी मलबे में दबे रहे। दिन भर यहां लोग अपना सामान बचा सुरक्षित स्थान की तलाश करते हुए नजर आए और क्षेत्र की दुकानें और होटल बंद रहे। उधर केशरवाला में सड़क का करीब 100 मीटर का हिस्सा पूरी तरह से पानी में बह गया। इसके चलते यातायात पूरी तरह से प्रभावित रहा। दोनों क्षेत्र में नदी के बढ़ते जलस्तर ने लोगों की चिंता बढ़ाए रखी।

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देहरादून में आपदा – फोटो : India Views

आईटी पार्क के मुख्य गेट पर लगा मलबे का ढेर
मूसलाधार बारिश से सहस्त्रधारा से पहले आईटी पार्क के मुख्य गेट पर भी मलबे का ढेर लग गया। इसके चलते मंगलवार की सुबह कुछ घंटों तक यातायात पूरी तरह से बाधित रहा। हालांकि जेसीबी ने मलबे को हटाया और यातायात को सुचारू किया गया।

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देहरादून में आपदा – फोटो : India Views

कोई जेसीबी में सवार होकर तो कोई पैदल ही निकला
सहस्त्रधारा में स्थानीय निवासी और पर्यटक जेसीबी से सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। जबकि कुछ लोग पैदल ही निकल अपनी जान बचाते हुए नजर आए। आलम यह रहा कि सड़कों पर भी जलभराव होने से वाहन चलाना भी किसी खतरे से खाली नहीं है।

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देहरादून में आपदा – फोटो : India Views

सहस्त्रधारा में झील टूटने की अफवाह से अफरा-तफरी
सहस्त्रधारा के ऊपरी इलाके में झील टूटने की अफवाह फैलने के बाद लोगों में दहशत और अफरा-तफरी मच गई। सोमवार-मंगलवार की रात दो बार बादल फटने के बाद दिन में जब यह अफवाह उड़ी तो लोग अपनी जान बचाने के लिए दौड़ने लगे। दुकानदार और स्थानीय लोग अपनी दुकानों और घरों को बंद कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागते दिखाई दिए। क्षेत्रीय दुकानदार अरविंद पंवार और जितेंद्र रमोला ने बताया कि अफवाह फैली कि ऊपर की तरफ बनी झील टूट गई है और सारा पानी तेजी से नीचे की ओर आ रहा है। इस डर से सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे। सहस्त्रधारा में बादल फटने के बाद पहले ही तबाही का मंजर था और इस अफवाह ने लोगों के डर को और बढ़ा दिया।

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देहरादून में आपदा – फोटो : India Views
ईस्टरली-वेस्टरली वेदर सिस्टम से हुई मूसलाधार बारिश
प्रदेश में हुई मूसलाधार बारिश के बाद हर कोई इस बात के लिए चिंतित दिखा कि आखिर इतनी बारिश कैसे हुई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मूसलाधार बारिश का मुख्य कारण ईस्टरली-वेस्टरली वेदर सिस्टम का मिलना रहा। ईस्टरली हवाएं पूर्व से पश्चिम की ओर चलती हैं, जबकि वेस्टरली हवाएं पश्चिम से पूर्व की ओर चलती हैं। ये दोनों हवा प्रणालियां पृथ्वी के घूमने के कारण कोरिओलिस प्रभाव से उत्पन्न होती हैं, जो वायुमंडलीय परिसंचरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सीएम तोमर ने बताया कि मानसून के दिनों में अक्सर यह वेदर सिस्टम देखने को मिलता है लेकिन 15 और 16 सितंबर को इसका प्रभाव अधिक देखने को मिला। इसके चलते प्रदेशभर के कई इलाकों में भारी से भारी बारिश हुई। हालांकि इस वेदर सिस्टम का प्रभाव अब कम हुआ है।

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देहरादून में आपदा – फोटो : India Views
अभी मानसून की विदाई का करना होगा इंतजार
उत्तराखंड में इस साल सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अब हर कोई मानसून की विदाई का इंतजार कर रहा है लेकिन इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आमतौर पर सितंबर के आखिरी दिनों में मानसून की विदाई होती है लेकिन इस बार बारिश को देखते हुए अभी इंतजार करना होगा।

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देहरादून में आपदा – फोटो : India Views
आज देहरादून और नैनीताल में भारी बारिश के आसार
प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में बुधवार को भी तेज दौर की बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार देहरादून और नैनीताल जिले के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश की संभावना है। आने वाले दिनों की बात करें तो 22 सितंबर तक प्रदेशभर में हल्की बारिश के आसार हैं।

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