
एशिया कप 2025 का बहुप्रतीक्षित फाइनल भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में खेला जाएगा। इस महामुकाबले में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे सूर्यकुमार यादव रणनीतिक तौर पर कुछ अहम बदलाव कर सकते हैं, जबकि पाकिस्तान भी खास तैयारी के साथ मैदान पर उतरने वाला है। दोनों देशों के क्रिकेटप्रेमियों की निगाहें इस हाई-वोल्टेज मुकाबले पर टिकी हुई हैं।
भारत की रणनीति: बुमराह और दुबे की वापसी से मजबूती
भारत ने सुपर-4 चरण में अपनी बेंच स्ट्रेंथ परखने के लिए कुछ बदलाव किए थे, लेकिन फाइनल में कप्तान सूर्या पूरी ताकत झोंकना चाहेंगे। माना जा रहा है कि जसप्रीत बुमराह को गेंदबाज़ी आक्रमण में शामिल किया जाएगा। तेज़ गेंदबाज़ की वापसी से टीम को शुरुआती ओवरों में बढ़त दिलाने की उम्मीद है।
इसके साथ ही ऑलराउंडर शिवम दुबे को भी टीम में शामिल किए जाने की संभावना है। उनकी मौजूदगी भारत को मिडिल ऑर्डर में मजबूती और गेंदबाज़ी में एक अतिरिक्त विकल्प देगी। इसके लिए संभव है कि अरशदीप सिंह या हर्षित राणा जैसे किसी तेज़ गेंदबाज़ को बाहर बैठना पड़े।
पाकिस्तान का गेम प्लान: शुरुआती विकेट और दो स्पिनरों पर फोकस
पाकिस्तान की नज़रें फाइनल में भारत को शुरुआती झटके देने पर होंगी। पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने भी सलाह दी है कि भारत को दबाव में लाने के लिए पावरप्ले में विकेट निकालना ज़रूरी है। कप्तान सलमान अघा ने इशारा किया है कि टीम दो स्पिनरों के साथ उतर सकती है, ताकि मध्य ओवरों में रन गति को नियंत्रित किया जा सके।
फखर ज़मान और साहिबजादा फरहान जैसी सलामी जोड़ी तेज़ शुरुआत देने की कोशिश करेगी, वहीं शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रऊफ जैसे पेसर भारत के शीर्ष क्रम को चुनौती देंगे।
संभावित प्लेइंग इलेवन
भारत:
अभिषेक शर्मा, शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव (कप्तान), तिलक वर्मा, संजू सैमसन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, जसप्रीत बुमराह
पाकिस्तान:
साहिबजादा फरहान, फखर ज़मान, साइम अय्यूब, हुसैन तलात, मोहम्मद नवाज़, सलमान अघा (कप्तान), मोहम्मद हारिस (विकेटकीपर), फ़हीम अशरफ़, शाहीन शाह अफरीदी, हारिस रऊफ़, अबरार अहमद
नतीजे की अहमियत
भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हमेशा रोमांचक और भावनात्मक होता है। इस बार फाइनल का दबाव और भी बड़ा होगा। भारत अपनी लगातार जीत की लय बनाए रखना चाहेगा, जबकि पाकिस्तान खिताब जीतकर बड़ा उलटफेर करना चाहेगा।
कुल मिलाकर यह महामुकाबला केवल क्रिकेट नहीं, बल्कि एशियाई क्रिकेट की प्रतिष्ठा का प्रतीक बनने वाला है।