Underwater Data Center: चीन का एक और चमत्कार, समुद्र के अंदर शुरू करेगा डाटा सेंटर

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चीन ने शंघाई के पास समुद्र में डाटा सेंटर का परीक्षण शुरू किया है। समुद्र की ठंडक से 90% तक एनर्जी की बचत संभव होगी, सर्वर्स की सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण पर भी कम प्रभाव पड़ेगा। जानें कैसे यह परियोजना एआई और क्लाउड सेवाओं को बदल सकती है...

China trials energy saving underwater data centres
चीन में पूर्व कृषि मंत्री को सजा-ए-मौत का एलान (सांकेतिक) – फोटो : एडॉब स्टॉक
चीन की एक कंपनी शंघाई के पास समुद्र में सर्वर कैप्सूल डुबोने की योजना बना रही है। इस कदम का उद्देश्य डाटा सेंटर की भारी एनर्जी खपत को कम करना और पर्यावरणीय प्रभाव घटाना है।

समुद्र में डाटा सेंटर के फायदे

लगातार काम करने की वजह से डाटा सेंटर के सर्वर काफी ज्यादा गर्म हो जाते हैं और उन्हें ठंडा रखने में बहुत एनर्जी खर्च होती है। समुद्र में डुबोए गए सर्वर समुद्र के अंदर रहने की वजह से ठंडे रहते हैं, जिससे जमीन पर रहने वाले डाटा सेंटर की तुलना में समुद्र के अंदर लगाए जाने वाले डाटा सेंटर से लगभग 90% एनर्जी की बचत होती है। हाईलैंडर कंपनी इस परियोजना का विकास कर रही है जो चीन टेलीकॉम और राज्य-स्वामित्व वाली एआई कंप्यूटिंग कंपनियों के लिए काम करेगी।

तकनीकी चुनौतियां क्या होंगी? 

समुद्र में डाटा सेंटर स्थापित करना आसान नहीं है। इसकी बहुत सारी चुनौतियां हैं जैसे सर्वर्स को नमक के पानी से बचाना, स्ट्रक्चर में जंग लगने और नुकसान से बचाना, मेंटेनेंस के लिए मुख्य कैप्सूल और ऊपर वाले हिस्से को जोड़ने के लिए लिफ्ट सिस्टम लगाना,  ऑफशोर विंड फार्म से बिजली समुद्र के अंदर पहुंचाना ग्रिड तक पहुंचाना। कंपनी का दावा है कि 95% एनर्जी रिन्यूएबल सोर्सेज से आएगी।

इससे पर्यावरणीय पर क्या असर पड़ेगा?

समुद्र में डाटा सेंटर की गर्मी समुद्री जीवन पर असर डाल सकती है। कुछ विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बड़े पैमाने पर थर्मल प्रदूषण हो सकता है। हालांकि, पिछले परीक्षण में पानी का तापमान सुरक्षित स्तर पर रहा।

भविष्य की संभावनाएं

समुद्र में बने डाटा सेंटर जमीन पर बने डाटा सेंटर के सप्लीमेंट के रूप में काम कर सकते हैं। चीन सरकार इस तरह की परियोजनाओं को सब्सिडी दे रही है। हाईलैंडर को 2022 में हेनान प्रांत में इसी तरह के प्रोजेक्ट के लिए 40 मिलियन युआन मिले थे। यह पहल एनर्जी दक्षता बढ़ाने और पर्यावरण पर असर कम करने में मदद कर सकती है।

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