Zoho Vs WhatsApp End-To-End Encryption: भारतीय कंपनी Zoho Corporation द्वारा डेवलप किया गया मैसेजिंग एप Arattai यूं तो हर मामले में WhatsApp को टक्कर देता नजर आ रहा है, लेकिन इस एप में कुछ ऐसी कमियां हैं जिन्हें जल्द से जल्द दूर करना कंपनी के लिए बेहद जरूरी है।

इन दिनों Zoho Corporation का इंस्टैंट मैसेजिंग एप अरात्तई (Arattai) काफी चर्चा में है। भारत सरकार मेड-इन-इंडिया एप्स को प्रोत्साहित रही है जिसके चलते इंटरनेट पर Arattai के बारे में जानने के लिए लोग उत्सुक हैं। हाल के दिनों में इस एप को लाखों भारतीय यूजर्स ने डाउनलोड किया है। दरअसल, देसी एप Arattai को व्हाट्सएप का विकल्प माना जा रहा है। यह एप वह सभी सेवाएं प्रदान करता है जो व्हाट्सएप में मिलते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह एप अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।

Arattai में नहीं मिलता ये जरूरी फीचर
Zoho अपने इंस्टेंट मैसेजिंग एप Arattai को एक प्राइवेसी-फर्स्ट सर्विस के रूप में प्रमोट कर रहा है, जिसमें सभी यूजर डेटा भारत में ही स्टोर किए जाते हैं। एप में वॉइस और वीडियो कॉल्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं, लेकिन टेक्स्ट चैट्स के लिए फिलहाल यह सुरक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इसमें एक ‘सीक्रेट चैट’ ऑप्शन दिया गया है, जिसके जरिए यूजर्स सुरक्षित मैसेजिंग कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि जल्द ही सभी चैट्स में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू किया जाएगा।
Zoho अपने इंस्टेंट मैसेजिंग एप Arattai को एक प्राइवेसी-फर्स्ट सर्विस के रूप में प्रमोट कर रहा है, जिसमें सभी यूजर डेटा भारत में ही स्टोर किए जाते हैं। एप में वॉइस और वीडियो कॉल्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं, लेकिन टेक्स्ट चैट्स के लिए फिलहाल यह सुरक्षा सुविधा उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इसमें एक ‘सीक्रेट चैट’ ऑप्शन दिया गया है, जिसके जरिए यूजर्स सुरक्षित मैसेजिंग कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि जल्द ही सभी चैट्स में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू किया जाएगा।

क्या है एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन?
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन वह सेफ्टी फीचर है जिससे दो यूजर्स के बीच होने वाले चैट एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक सुरक्षित रहते हैं। यानी एप यूजर्स क्या बात कर रहे हैं यह बीच में कोई पता नहीं कर सकता। एन्क्रिप्शन वाले मैसेज कंपनी के सर्वर पर हैकिंग से भी सुरक्षित रहते हैं और इन्हें केवल कुछ सुरक्षा कारणों से ही डिक्रीप्ट किया जा सकता है। अगर मैसेज में एनक्रिप्शन की सुविधा न हो तो सर्वर पर इंडेक्सिंग के दौरान ये मैसेज डिक्रिप्ट हो जाते हैं। आसान भाषा में समझें तो सर्वर पर मैसेज का खुलासा हो जाता है। ऐसे में बिना एनक्रिप्शन वाले मैसेज के लीक होने या गलत इस्तेमाल होने का भी खतरा रहता है। Arattai के टेक्स्ट मैसेज में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन न होने के वजह से प्रोसेसिंग के लिए मैसेज डिक्रिप्ट हो जाते हैं, फिर सर्वर पर इन्हें दोबारा एन्क्रिप्शन के साथ स्टोर किया जाता है।सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने बताया कि Arattai में कॉल और वीडियो के लिए E2EE (End-to-End Encryption) मौजूद है, लेकिन सीक्रेट चैट में शिफ्ट होकर सुरक्षित मैसेजिंग करना थोड़ा असुविधाजनक है। इसका मतलब है कि सामान्य पर्सनल और ग्रुप चैट्स फिलहाल पूरी तरह प्रोटेक्टेड नहीं हैं।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन वह सेफ्टी फीचर है जिससे दो यूजर्स के बीच होने वाले चैट एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक सुरक्षित रहते हैं। यानी एप यूजर्स क्या बात कर रहे हैं यह बीच में कोई पता नहीं कर सकता। एन्क्रिप्शन वाले मैसेज कंपनी के सर्वर पर हैकिंग से भी सुरक्षित रहते हैं और इन्हें केवल कुछ सुरक्षा कारणों से ही डिक्रीप्ट किया जा सकता है। अगर मैसेज में एनक्रिप्शन की सुविधा न हो तो सर्वर पर इंडेक्सिंग के दौरान ये मैसेज डिक्रिप्ट हो जाते हैं। आसान भाषा में समझें तो सर्वर पर मैसेज का खुलासा हो जाता है। ऐसे में बिना एनक्रिप्शन वाले मैसेज के लीक होने या गलत इस्तेमाल होने का भी खतरा रहता है। Arattai के टेक्स्ट मैसेज में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन न होने के वजह से प्रोसेसिंग के लिए मैसेज डिक्रिप्ट हो जाते हैं, फिर सर्वर पर इन्हें दोबारा एन्क्रिप्शन के साथ स्टोर किया जाता है।सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने बताया कि Arattai में कॉल और वीडियो के लिए E2EE (End-to-End Encryption) मौजूद है, लेकिन सीक्रेट चैट में शिफ्ट होकर सुरक्षित मैसेजिंग करना थोड़ा असुविधाजनक है। इसका मतलब है कि सामान्य पर्सनल और ग्रुप चैट्स फिलहाल पूरी तरह प्रोटेक्टेड नहीं हैं।

WhatsApp में डिफॉल्ट मिलता है एन्क्रिप्शन
ध्यान देने वाली बात यह है कि WhatsApp, Telegram और Signal जैसी अन्य पॉपुलर मैसेजिंग एप्स में डिफॉल्ट रूप से कॉल, चैट और वीडियो, तीनों के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है। ऐसे में Arattai इस मामले में पीछे रह गया है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि WhatsApp, Telegram और Signal जैसी अन्य पॉपुलर मैसेजिंग एप्स में डिफॉल्ट रूप से कॉल, चैट और वीडियो, तीनों के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मौजूद है। ऐसे में Arattai इस मामले में पीछे रह गया है।

कंपनी दे चुकी है बयान
इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर आलोचनाओं के जवाब में Arattai ने आधिकारिक X (Twitter) अकाउंट से बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कंपनी लिए प्राइवेसी बेहद अहम है। चैट्स के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन उनकी प्राथमिकता में है और इस पर उनकी टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है।
इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर आलोचनाओं के जवाब में Arattai ने आधिकारिक X (Twitter) अकाउंट से बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कंपनी लिए प्राइवेसी बेहद अहम है। चैट्स के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन उनकी प्राथमिकता में है और इस पर उनकी टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है।

क्या है Arattai?
Arattai एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म इंस्टेंट मैसेजिंग एप है, जिसे चेन्नई स्थित Zoho Corporation ने 2021 में लाॉन्च किया था। यह एप पूरी तरह फ्री है, यानी इसमें कोई सब्सक्रिप्शन फीस या छिपे हुए चार्ज नहीं हैं। इसका मकसद है यूजर्स को एक सरल और प्राइवेसी-केंद्रित कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म प्रदान करना है।यूजर्स इसमें टेक्स्ट और वॉइस मैसेज भेज सकते हैं, ऑडियो-वीडियो कॉल कर सकते हैं, फोटो, वीडियो और डॉक्यूमेंट्स शेयर कर सकते हैं, स्टोरी पोस्ट कर सकते हैं और ग्रुप चैट्स बना सकते हैं। यह एप स्मार्टफोन, टैबलेट और डेस्कटॉप सहित कई डिवाइसेज पर काम करता है। इसमें आप एक अकाउंट को पांच डिवाइसेज पर लिंक कर सकते हैं, और सभी डिवाइस पर मैसेज, कॉन्टैक्ट्स और सेटिंग्स ऑटोमैटिक सिंक होती हैं।
Arattai एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म इंस्टेंट मैसेजिंग एप है, जिसे चेन्नई स्थित Zoho Corporation ने 2021 में लाॉन्च किया था। यह एप पूरी तरह फ्री है, यानी इसमें कोई सब्सक्रिप्शन फीस या छिपे हुए चार्ज नहीं हैं। इसका मकसद है यूजर्स को एक सरल और प्राइवेसी-केंद्रित कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म प्रदान करना है।यूजर्स इसमें टेक्स्ट और वॉइस मैसेज भेज सकते हैं, ऑडियो-वीडियो कॉल कर सकते हैं, फोटो, वीडियो और डॉक्यूमेंट्स शेयर कर सकते हैं, स्टोरी पोस्ट कर सकते हैं और ग्रुप चैट्स बना सकते हैं। यह एप स्मार्टफोन, टैबलेट और डेस्कटॉप सहित कई डिवाइसेज पर काम करता है। इसमें आप एक अकाउंट को पांच डिवाइसेज पर लिंक कर सकते हैं, और सभी डिवाइस पर मैसेज, कॉन्टैक्ट्स और सेटिंग्स ऑटोमैटिक सिंक होती हैं।