
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद वरुड़ा हाइवे पर जमे सैकड़ों किसान, प्रशासन में हड़कंप
महाराष्ट्र के नागपुर जिले में चल रहा किसान आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। वरुड़ा हाइवे पर डटे सैकड़ों किसानों ने बुधवार को सरकार और प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने ऐलान किया है कि वे अब स्वेच्छा से गिरफ्तारी देंगे, लेकिन अपने मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रमुख और विधायक बच्चू कडू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने किसानों की आवाज नहीं सुनी, तो वे और उनके समर्थक “मरने को भी तैयार हैं।”
🔹 पृष्ठभूमि: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं हटे किसान
दरअसल, हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने नागपुर प्रशासन को निर्देश दिया था कि वरुड़ा हाइवे पर हो रहे अवैध धरने को हटाया जाए, ताकि यातायात और आम जनता को परेशानी न हो।
लेकिन आदेश के बावजूद बुधवार को किसान पहले से बड़ी संख्या में जुट गए और सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे।
इस दौरान उन्होंने “जय किसान, जय महाराष्ट्र” के नारे लगाए और सरकार विरोधी पोस्टर भी थामे रखे।
🔹 किसानों की मुख्य मांगें
प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि वे पिछले कई महीनों से सरकार से सिंचाई सुविधाओं, मुआवजा और कृषि ऋण माफी की मांग कर रहे हैं।
उनका आरोप है कि प्रशासन ने कई बार आश्वासन दिए, लेकिन जमीन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एक किसान ने कहा,
“हम अब वादे नहीं सुनना चाहते। जब तक लिखित आदेश नहीं मिलता, हम यहां से नहीं हटेंगे।”
🔹 बच्चू कडू का भावनात्मक बयान
विधायक बच्चू कडू ने किसानों के बीच खड़े होकर भावनात्मक भाषण दिया। उन्होंने कहा —
“अगर सरकार को लगता है कि हमें जेल में डालना ही समाधान है, तो हम खुद गिरफ्तारी देने को तैयार हैं।
लेकिन अगर हमारी आवाज नहीं सुनी गई, तो हम मरने को भी तैयार हैं।”
उनके इस बयान के बाद भीड़ ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। मौके पर माहौल बेहद तनावपूर्ण और भावनात्मक बन गया।
🔹 प्रशासन अलर्ट, भारी पुलिस बल तैनात
स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया है।
पुलिस अधिकारी किसानों से लगातार वार्ता के प्रयास कर रहे हैं ताकि सड़क से प्रदर्शनकारियों को हटाया जा सके।
हालांकि, किसान शांतिपूर्ण धरना देने की बात कह रहे हैं और उनका कहना है कि वे किसी भी तरह की हिंसा नहीं चाहते।
🔹 स्थानीय जनजीवन प्रभावित
लगातार प्रदर्शन के चलते नागपुर-वरुड़ा मार्ग पर ट्रैफिक बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं और स्थानीय लोग परेशान हैं। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की है, लेकिन दिक्कतें बनी हुई हैं।
🔹 सरकार पर बढ़ा दबाव
इस प्रदर्शन ने महाराष्ट्र सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। विपक्षी दलों ने भी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह किसानों की अनदेखी कर रही है।
वहीं, सत्ताधारी नेताओं का कहना है कि समस्या का समाधान बातचीत से निकलेगा, न कि सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने से।
🔹 निष्कर्ष
नागपुर का यह आंदोलन अब केवल किसान मुद्दों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह सरकार बनाम जनता की प्रतिष्ठा का संघर्ष बन गया है।
बच्चू कडू के नेतृत्व में चल रहा यह धरना आने वाले दिनों में राजनीतिक रूप से और भी बड़ा रूप ले सकता है, क्योंकि किसानों ने साफ कह दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, वे हाइवे नहीं छोड़ेंगे।