किडनी और दिल के लिए ‘साइलेंट किलर’ है ये जरूरी मिनरल — नज़र नहीं आते लक्षण, जानें कैसे करें कंट्रोल

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Chronic Kidney Disease (CKD) से जूझ रहे लोगों के लिए एक ऐसा मिनरल है जो शरीर के लिए ज़रूरी तो है, लेकिन ज़्यादा मात्रा में यही मिनरल किडनी और दिल दोनों के लिए ‘साइलेंट किलर’ बन सकता है — इसका नाम है फॉस्फोरस (Phosphorus)

⚠️ क्या है फॉस्फोरस और क्यों बनता है खतरनाक

फॉस्फोरस शरीर के लिए एक आवश्यक मिनरल है जो हड्डियों, दांतों, मांसपेशियों और ऊर्जा उत्पादन के लिए ज़रूरी होता है। लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो यह मिनरल शरीर से बाहर नहीं निकल पाता।
परिणामस्वरूप, खून में फॉस्फोरस का स्तर बढ़ जाता है, जिससे:

  • ब्लड वेसल्स (धमनियों) में कैल्शियम जमा होने लगता है

  • दिल की बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है

  • हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं

🧬 किडनी के मरीजों में कैसे करता है नुकसान

किडनी फॉस्फोरस को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालती है, लेकिन CKD में यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है।
इससे शरीर में ‘हाइपरफॉस्फेटेमिया (Hyperphosphatemia)’ नामक स्थिति उत्पन्न होती है — जो दिल के फेल होने, स्ट्रोक और हड्डी टूटने जैसे गंभीर परिणाम दे सकती है।

🩺 नज़र नहीं आते लक्षण

फॉस्फोरस का लेवल बढ़ने पर शरीर में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते। इसलिए इसे “साइलेंट किलर मिनरल” कहा जाता है।
जब तक लक्षण दिखते हैं, तब तक नुकसान शुरू हो चुका होता है। कुछ मामलों में मरीजों को—

  • थकान

  • सांस लेने में तकलीफ

  • मांसपेशियों में दर्द या कमजोरी

  • हाथ-पैरों में सूजन
    जैसे संकेत मिल सकते हैं।

🥗 डाइट में कंट्रोल कैसे करें

किडनी रोगियों के लिए फॉस्फोरस का सेवन सीमित रखना बेहद ज़रूरी है। डॉक्टर अक्सर दिनभर में 800-1000 mg से ज़्यादा फॉस्फोरस नहीं लेने की सलाह देते हैं।

इन खाद्य पदार्थों से बचें:

  • रेड मीट, मछली और चिकन (अधिक मात्रा में)

  • प्रोसेस्ड फूड्स और सॉफ्ट ड्रिंक्स

  • डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे चीज़, दूध, दही

  • पैकेज्ड स्नैक्स और फास्ट फूड

इन विकल्पों को अपनाएं:

  • ताजे फल और सब्जियां

  • सफेद चावल, पास्ता, ब्रेड

  • बिना फॉस्फेट एडिटिव्स वाले फूड्स

  • पर्याप्त पानी और फाइबर युक्त भोजन

💊 डॉक्टर की सलाह क्यों जरूरी

फॉस्फोरस को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर जरूरत पड़ने पर फॉस्फेट बाइंडर्स (Phosphate Binders) दवाएं देते हैं, जो भोजन के साथ ली जाती हैं ताकि फॉस्फोरस शरीर में अवशोषित न हो।
इसके अलावा, नियमित ब्लड टेस्ट और डाइट मॉनिटरिंग से स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सकता है।

🧠 निष्कर्ष

फॉस्फोरस शरीर के लिए ज़रूरी है, लेकिन अधिक मात्रा में यही मिनरल ‘डबल डेंजर’ साबित होता है — किडनी और दिल दोनों के लिए।
इसलिए संतुलित डाइट, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से ही इसे सुरक्षित स्तर पर रखना सबसे बेहतर तरीका है।

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