
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार ब्लास्ट की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने उस i-20 कार के मालिक सलमान को हिरासत में लिया है, जिसका इस्तेमाल विस्फोट में किया गया था। फिलहाल पुलिस उससे लगातार पूछताछ कर रही है और कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की बात कही जा रही है।
इस ब्लास्ट ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया था। जांच एजेंसियों को शक है कि यह हमला किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है, खासकर तब जब इसी दिन हरियाणा के फरीदाबाद में 2900 किलो विस्फोटक केमिकल बरामद हुआ था।
क्या है अब तक की जांच की कहानी
रविवार को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी एक i-20 कार में अचानक जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास के वाहनों के शीशे टूट गए और इलाके में अफरातफरी मच गई।
हालांकि, गनीमत यह रही कि धमाके के समय कार में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।
घटना के बाद मौके पर एनएसजी, एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीमें पहुंचीं और पूरे इलाके को सील कर दिया गया।
मौके से बरामद हुए सबूत — जैसे कि तार, बैटरी, धातु के टुकड़े और कुछ केमिकल अवशेष — यह इशारा कर रहे हैं कि यह एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) था, जिसे रिमोट कंट्रोल या टाइमर के जरिए ब्लास्ट किया गया।
कार मालिक सलमान की पहचान और गिरफ्तारी
जांच में सबसे पहले पुलिस ने कार के रजिस्ट्रेशन नंबर से सुराग तलाशना शुरू किया। RTO रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि यह कार दिल्ली के जामिया नगर निवासी सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड है।
पुलिस ने तुरंत सलमान को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सलमान ने प्रारंभिक पूछताछ में दावा किया कि उसने यह कार कुछ महीने पहले बेच दी थी, लेकिन बिक्री के बाद ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।
अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कार फिलहाल किसके पास थी और क्या उसे धमाके से पहले जानबूझकर छोड़ा गया था।
RTO और CCTV फुटेज से मिल रहे सुराग
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब RTO रिकॉर्ड, पार्किंग स्लिप्स और आसपास के CCTV फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं।
फुटेज में ब्लास्ट से करीब एक घंटे पहले एक व्यक्ति को कार पार्क करते हुए देखा गया है। पुलिस को शक है कि यही व्यक्ति इस साजिश का अहम हिस्सा हो सकता है।
चेहरा स्पष्ट न होने के कारण एजेंसियां फेशियल रिकग्निशन सॉफ्टवेयर की मदद ले रही हैं।
RTO रिकॉर्ड से यह भी पता चला कि यह कार कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से खरीदी गई थी। अब यूपी पुलिस से भी संपर्क कर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
जांच एजेंसियों के निशाने पर आतंकी नेटवर्क
दिल्ली ब्लास्ट के बाद से ही एनआईए और दिल्ली पुलिस को शक है कि यह किसी आतंकी संगठन की बड़ी साजिश का हिस्सा है।
फरीदाबाद में मिले विस्फोटक केमिकल और लाल किला ब्लास्ट की टाइमिंग ने इस आशंका को और मजबूत किया है।
एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि क्या यह दोनों घटनाएं एक ही नेटवर्क के तहत प्लान की गई थीं।
एक खुफिया अधिकारी ने बताया, “फरीदाबाद से बरामद हुआ केमिकल और दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल पदार्थ के बीच रासायनिक समानता पाई गई है। यह किसी बड़ी योजना की झलक हो सकती है।”
सलमान से पूछताछ में क्या सामने आया
सलमान से पूछताछ के दौरान पुलिस को कुछ अहम जानकारी मिली है। उसने बताया कि उसने कार एक बिचौलिये के माध्यम से बेची थी, जिसका नाम इमरान बताया जा रहा है।
पुलिस अब इमरान की तलाश कर रही है, क्योंकि वही इस कार को अंतिम बार किसी “अनजान व्यक्ति” को सौंपने में शामिल बताया गया है।
सूत्रों का कहना है कि सलमान ने कार की बिक्री का कोई आधिकारिक कागज नहीं बनाया था, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि असल मालिक कौन था।
यह भी शक जताया जा रहा है कि कार को फर्जी पहचान पत्र के जरिए खरीदा गया हो सकता है।
एनआईए और फॉरेंसिक टीम की जांच जारी
एनआईए की टीम ने ब्लास्ट साइट से बरामद सामग्री को जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेज दिया है।
प्रारंभिक रिपोर्ट में विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट और सोडियम क्लोरेट जैसे तत्वों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
एनआईए का मानना है कि यह ब्लास्ट स्ट्रेटेजिक टेस्ट रन हो सकता है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया जांची जा सके।
दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाई गई
इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने राजधानी भर में सुरक्षा बढ़ा दी है। खासकर लाल किला, जामा मस्जिद, इंडिया गेट, संसद मार्ग, और मेट्रो स्टेशनों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
हर आने-जाने वाले वाहन की सघन जांच की जा रही है।
पुलिस कमिश्नर ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध वाहन या व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को दें।
राजनीतिक हलचल और राष्ट्रीय चिंता
ब्लास्ट मामले ने केंद्र सरकार और खुफिया एजेंसियों में भी हलचल मचा दी है।
गृह मंत्रालय ने एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो से रिपोर्ट मांगी है और जांच की प्रगति पर हर घंटे अपडेट लेने का निर्देश दिया है।
वहीं, विपक्षी दलों ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि “दिल्ली जैसे हाई-सिक्योरिटी जोन में विस्फोट होना गंभीर विफलता है।”
स्थानीय लोगों में डर का माहौल
लाल किले के पास रहने वाले स्थानीय लोगों में भय और चिंता का माहौल है।
धमाके के बाद कई दुकानों ने अस्थायी रूप से कारोबार बंद कर दिया था। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, “सुबह से यहां पुलिस तैनात है, सब डर में हैं। अब तो सड़क पर कोई गाड़ी खड़ी करने से भी लोग डर रहे हैं।”
निष्कर्ष
लाल किला ब्लास्ट केस में i-20 कार मालिक सलमान की हिरासत जांच की दिशा में एक अहम मोड़ है। पुलिस को उम्मीद है कि उससे पूछताछ के दौरान साजिश की परतें खुलेंगी।
फरीदाबाद में मिले विस्फोटक केमिकल और दिल्ली के धमाके के बीच समानताएं यह संकेत दे रही हैं कि मामला केवल एक ‘लोकल क्राइम’ नहीं, बल्कि किसी संगठित आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।
अब सबकी निगाहें एनआईए और दिल्ली पुलिस की संयुक्त जांच रिपोर्ट पर हैं, जो आने वाले दिनों में इस केस की असली सच्चाई सामने ला सकती है।