Annakut Mahotsav: बाबा विश्वनाथ के दरबार में आज (बुधवार) 56 तरह के व्यंजनों का भोग लगाया गया है. इसके साथ 21 मन प्रसाद के अलावा साढ़े 6 क्विंटल लडडू भी बनवाए गए हैं.
वाराणसी. सात वार नौ त्योहार के शहर बनारस में 27 साल बाद दीपावली (Dipawali) के दूसरे नहीं बल्कि तीसरे दिन अन्नकूट का त्योहार मनाया गया. नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ के दरबार में आज (बुधवार) 56 तरह के व्यंजनों का भोग लगाया गया. इसके अलावा लड्डुओं से भगवान शिव का बना मंदिर इस महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बना रहा. सुबह मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए बाबा का दरबार खोल दिया गया. बाबा विश्वनाथ के दरबार के अलावा मां अन्नपूर्णा मंदिर को भी 121 क्विंटल भोग चढ़ाया गया.
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि इस बार 21 मन प्रसाद के अलावा साढ़े 6 क्विंटल लडडू भी बनवाए गए. बता दें कि इस प्रसाद को गुरुवार के बाद भक्तों में बांटा जाएगा. विश्वनाथ मंदिर के प्रधान अर्चक सत्यनारायण चौबे ने बताया कि अन्नकूट महोत्सव की ये परम्परा सदियों पुरानी है और सीधे द्वापर युग से इसका कनेक्शन है. भगवान श्री कृष्ण ने जब भगवान इंद्र के घमंड को तोड़ा था.उसी के खुशी में इस महोत्सव को मनाने की शुरुआत हई थी, बस तब से ये परम्परा निरंतर चली आ रही है.
सभी मंदिरों में होता है आयोजन
काशी विश्वनाथ के अलावा अन्नपूर्णा मन्दिर सहित शहर के सभी छोटे बड़े मंदिरों में ये उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. श्री काशी अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पूरी ने बताया कि इस बार अन्नपूर्णा मंदिर में 121 क्विंटल कच्चे पक्के पकवान का भोग लगाया गया है. इसमें अलग-अलग तरह की मिठाइयों के अलावा बनारसी पान, दाल, चावल सहित 56 तरह के व्यंजन चढ़ाए गए हैं.