अलवर में झोपड़ी में लगी भीषण आग, 10 लाख रुपये नकद जलकर राख — सरिस्का से विस्थापित किसान की मदद राशि एक दिन में खाक

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राजस्थान के अलवर जिले के तिजारा क्षेत्र में रविवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। सरिस्का टाइगर रिजर्व से विस्थापित एक किसान की झोपड़ी में अचानक आग लग गई, जिससे सब कुछ जलकर राख हो गया। हादसे में झोपड़ी के भीतर रखे 10 लाख रुपये नकद भी जल गए। यह रकम किसान को सिर्फ एक दिन पहले ही मुआवजे के तौर पर मिली थी।

देर रात लगी आग, सब कुछ हुआ तबाह

घटना तिजारा के पास स्थित एक अस्थायी बस्ती की है, जहां सरिस्का क्षेत्र से विस्थापित किसान परिवार रहते हैं। देर रात झोपड़ी में अचानक आग लग गई। कुछ ही मिनटों में लपटें इतनी तेज फैल गईं कि आसपास के लोगों के पास कुछ भी बचाने का मौका नहीं रहा। ग्रामीणों ने बाल्टी और मिट्टी से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन पूरी झोपड़ी जलकर खाक हो गई।

अब तक स्पष्ट नहीं आग लगने की वजह

स्थानीय लोगों ने बताया कि झोपड़ी के आसपास बिजली की सप्लाई नहीं थी, इसलिए शॉर्ट सर्किट की संभावना कम है। आशंका जताई जा रही है कि आग चूल्हे या दीए से भड़की हो सकती है। फिलहाल पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमों ने घटनास्थल का मुआयना कर आग के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

एक दिन पहले मिला था मुआवजा

पीड़ित किसान को सरिस्का टाइगर रिजर्व से विस्थापन के बदले प्रशासन की ओर से 10 लाख रुपये का मुआवजा मिला था। किसान ने रकम घर में सुरक्षित रखी थी, लेकिन हादसे में सब जल गया। परिवार के अनुसार, नकदी के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज भी आग की भेंट चढ़ गए।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, हालांकि तब तक झोपड़ी पूरी तरह राख में तब्दील हो चुकी थी। प्रशासन ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और पीड़ित किसान को तत्काल राहत देने के आदेश दिए हैं। जिला कलेक्टर ने मामले की रिपोर्ट तलब की है।

ग्रामीणों में गुस्सा और आक्रोश

इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि विस्थापित परिवारों को न तो स्थायी घर दिए गए हैं और न ही पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम हैं। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन पीड़ित को दोबारा मुआवजा दे और विस्थापितों के लिए स्थायी आवास योजना पर तुरंत काम शुरू करे।

👉 इस हादसे ने सरिस्का से विस्थापित परिवारों की दुर्दशा और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर दिया है। जिन परिवारों को नई शुरुआत की उम्मीद मिली थी, उनका भविष्य एक बार फिर राख में बदल गया।

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