
अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल में रविवार को एक दर्दनाक और रहस्यमयी घटना सामने आई। स्कूल के वॉशरूम में 19 वर्षीय छात्र अभिनव (काल्पनिक नाम) का शव टाई से लटका हुआ मिला। यह घटना स्कूल परिसर में सनसनी फैलाने वाली रही, और तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी गई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आत्महत्या का मामला है या किसी गहरी साजिश का परिणाम। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
🏫 घटना की पृष्ठभूमि
रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह स्कूल स्टाफ ने वॉशरूम का दरवाजा कई बार खटखटाया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। जब दरवाजा तोड़ा गया, तो छात्र टाई से लटका मिला।
सूत्रों के मुताबिक, छात्र कक्षा 12वीं का था और हॉस्टल में रहता था। सुबह की उपस्थिति के दौरान उसके अनुपस्थित पाए जाने पर स्कूल प्रशासन को शक हुआ, जिसके बाद खोजबीन शुरू की गई।
🚨 स्कूल प्रशासन ने क्या कहा?
स्कूल प्रशासन ने बताया कि छात्र पिछले कुछ दिनों से चुपचाप और तनावग्रस्त दिख रहा था, लेकिन उसने किसी से कोई शिकायत साझा नहीं की।
सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा,
“हम सभी गहरे सदमे में हैं। वह एक अनुशासित और होनहार छात्र था। हमने पुलिस को तुरंत सूचना दी और जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।”
👮♂️ पुलिस जांच और शुरुआती निष्कर्ष
नामसाई पुलिस ने बताया कि फोरेंसिक टीम को भी जांच के लिए बुलाया गया है।
पुलिस अधीक्षक (SP) ने कहा,
“हम हर कोण से जांच कर रहे हैं — आत्महत्या, मानसिक दबाव, या किसी के उकसाने की संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता।”
फिलहाल, छात्र के मोबाइल फोन और हॉस्टल रूम से मिले सामान को जब्त कर लिया गया है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारणों का खुलासा होगा।
😔 परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
छात्र के परिवार को जब घटना की जानकारी मिली, तो उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
परिवार ने कहा कि उनका बेटा कभी इतना कदम नहीं उठा सकता था। उन्होंने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही और दबाव डालने का आरोप लगाया है।
माता-पिता का कहना है कि वह पढ़ाई में अच्छा था और हाल ही में प्री-बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लाया था।
📚 छात्रों में बढ़ता मानसिक दबाव
यह घटना एक बार फिर स्कूलों और कॉलेजों में बढ़ते मेंटल हेल्थ क्राइसिस की ओर इशारा करती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षा संस्थानों में बच्चों पर पढ़ाई, करियर और अनुशासन का दबाव कई बार असहनीय हो जाता है।
मनोवैज्ञानिक डॉ. सुनीता मेहता का कहना है,
“स्कूलों में नियमित मानसिक स्वास्थ्य जांच जरूरी है। शिक्षकों को भी यह समझना होगा कि बच्चों का व्यवहारिक बदलाव एक चेतावनी संकेत हो सकता है।”
⚖️ जांच आयोग की मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों और छात्र संगठनों ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
कई संगठनों ने कहा कि स्कूल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है और इस बात की जांच होनी चाहिए कि वॉशरूम में छात्र को अकेले इतनी देर तक क्यों छोड़ा गया।
स्टूडेंट यूनियन ऑफ अरुणाचल ने बयान जारी करते हुए कहा —
“अगर किसी तरह की लापरवाही या उत्पीड़न सामने आता है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
🔍 इससे पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहली घटना नहीं है जब किसी प्रतिष्ठित स्कूल में छात्र की संदिग्ध मौत हुई हो। पिछले कुछ वर्षों में देशभर में कई बोर्डिंग स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल खड़े हुए हैं।
हाल ही में कोटा, देहरादून और चेन्नई में भी ऐसे केस सामने आए थे जहां छात्रों ने तनाव के कारण अपनी जान दे दी थी।
🕯️ समाज के लिए सबक
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी भरी घंटी है कि बच्चों की मानसिक स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
जरूरत है कि स्कूल प्रशासन, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच खुला संवाद और भावनात्मक समर्थन हो।
📜 निष्कर्ष
अरुणाचल प्रदेश के सेंट जेवियर्स स्कूल में हुई इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा और छात्रों की मानसिक सेहत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस जांच जारी है और प्रशासन ने वादा किया है कि सच्चाई सामने आने तक जांच निष्पक्ष रूप से की जाएगी।
फिलहाल, पूरे क्षेत्र में इस घटना से शोक और आक्रोश का माहौल है।