बिहार चुनाव 2025: भैंस पर सवार होकर नामांकन करने पहुंचे तेज प्रताप यादव की पार्टी के उम्मीदवार, हाथ में थामी लालू की तस्वीर

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बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार नामांकन प्रक्रिया के दौरान कई अनोखे नज़ारे देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही एक दृश्य अरवल जिले में सामने आया, जहां तेज प्रताप यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) (तेज प्रताप गुट) के उम्मीदवार अरुण यादव भैंस पर सवार होकर नामांकन करने पहुंचे। उनके हाथ में लालू प्रसाद यादव की तस्वीर थी, जिसे उन्होंने पूरे गर्व के साथ हवा में लहराया।

🔹 भैंस पर सवार होकर दाखिल किया नामांकन

अरवल सीट से उम्मीदवार अरुण यादव का यह अंदाज चुनावी माहौल में चर्चा का विषय बन गया। वह भैंस पर सवार होकर अपने समर्थकों के साथ पहुंचे, जिनमें से कई लोग ढोल-नगाड़ों के साथ नारेबाजी करते हुए चल रहे थे। नामांकन स्थल पर पहुंचने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा,

“भैंस पर बैठना हमारी पहचान है, यह गरीब और किसान की सवारी है। हम जनता के उम्मीदवार हैं, जनता की ताकत से ही जीतेंगे।”

🔹 लालू प्रसाद की तस्वीर बनी आकर्षण का केंद्र

नामांकन के दौरान अरुण यादव के हाथ में लालू प्रसाद यादव की तस्वीर थी। उन्होंने कहा कि “लालू जी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। हम उनके दिखाए रास्ते पर चलकर गरीब, मजदूर और किसान की आवाज़ उठाएंगे।”

🔹 तेज प्रताप यादव के गुट से उम्मीदवार

अरुण यादव, आरजेडी (तेज प्रताप गुट) के प्रत्याशी हैं। तेज प्रताप यादव ने हाल ही में अपने अलग संगठन के बैनर तले कई उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। अरवल सीट उन्हीं में से एक है।

🔹 जनता के बीच बना चर्चा का विषय

अरुण यादव का यह भैंस वाला अंदाज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। लोगों ने इसे “ग्रामीणता और जमीनी जुड़ाव का प्रतीक” बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे “चुनावी स्टंट” कहकर भी तंज कसा।

🔹 चुनावी संदेश

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अरुण यादव का यह कदम ग्रामीण वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश है। बिहार में किसान और पशुपालन से जुड़े प्रतीक आम जनता से सीधा जुड़ाव रखते हैं, इसलिए यह अनोखा तरीका उन्हें पहचान दिला सकता है।

निष्कर्ष:
भैंस पर बैठकर नामांकन करने वाले अरुण यादव का यह अंदाज बिहार चुनाव 2025 की चुनावी राजनीति में नई रंगत ले आया है। जहां एक ओर यह लालू प्रसाद यादव की “गरीबों वाली राजनीति” की झलक दिखाता है, वहीं दूसरी ओर यह तेज प्रताप यादव के गुट की ओर से जनता के बीच जमीन से जुड़े नेता की छवि पेश करने का प्रयास भी है।

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