
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों और छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। बताया जा रहा है कि विवाद की शुरुआत एक बेहद मामूली बात — “भाई” कहने से — हुई, जो बाद में हिंसक झड़प में बदल गई। इस घटना ने कॉलेज प्रशासन और स्थानीय पुलिस को भी सकते में डाल दिया है।
क्या है पूरा मामला?
मामला बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज का है, जहां कुछ दिन पहले कृषि विश्वविद्यालय के कुछ छात्र किसी काम से कॉलेज परिसर में पहुंचे थे। वहीं, उनकी मुलाकात कुछ इंटर्न डॉक्टरों से हुई। बातचीत के दौरान एक छात्र ने डॉक्टर को “भाई” कहकर संबोधित कर दिया। इस पर डॉक्टरों ने आपत्ति जताई और कहा कि “हम डॉक्टर हैं, हमें भाई मत कहो।”
बात यहीं खत्म नहीं हुई — देखते ही देखते कहासुनी बढ़ गई और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।
वीडियो में दिखा बवाल का मंजर
जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें देखा जा सकता है कि कुछ डॉक्टर सफेद कोट पहने छात्रों पर लाठी-डंडों से हमला कर रहे हैं। कुछ छात्र भागने की कोशिश करते दिख रहे हैं, जबकि बाकी उन्हें बचाने की कोशिश में हैं।
वीडियो में यह भी साफ दिख रहा है कि कॉलेज के कुछ सुरक्षा गार्ड भी इस दौरान मूकदर्शक बने रहे। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं और मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
घटना के बाद हड़कंप
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, कॉलेज प्रशासन हरकत में आ गया। प्रिंसिपल ने तुरंत जांच के आदेश दिए और दोनों पक्षों से लिखित बयान मांगे।
बांदा पुलिस ने भी मामले का संज्ञान लिया और कहा कि यह घटना गंभीर है। जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना में कुछ छात्रों को चोटें आई हैं, हालांकि किसी की हालत गंभीर नहीं बताई गई है।
छात्रों ने लगाया डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
पीड़ित छात्रों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने बिना किसी वजह के उन पर हमला किया। एक छात्र ने बताया, “हम बस ‘भाई’ बोलकर संबोधित कर रहे थे, लेकिन डॉक्टरों ने इसे अपनी बेइज्जती समझ लिया। पहले गाली-गलौज की, फिर डंडे उठा लिए।”
छात्रों का कहना है कि डॉक्टरों ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने यह बात बाहर बताई, तो आगे और परेशान किया जाएगा।
डॉक्टरों का पक्ष क्या है?
वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि कृषि विश्वविद्यालय के छात्र मेडिकल कॉलेज परिसर में बिना अनुमति घूम रहे थे और स्टाफ के साथ बदतमीजी कर रहे थे। उनका दावा है कि छात्रों ने पहले गाली दी और कैमरे से वीडियो बनाने लगे, जिससे माहौल बिगड़ गया।
डॉक्टरों का कहना है कि झगड़े की शुरुआत छात्रों ने की, और उन्होंने सिर्फ आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया दी।
कॉलेज प्रशासन ने बनाई जांच समिति
रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वी.के. सिंह ने इस घटना पर कहा कि कॉलेज में अनुशासन सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो 48 घंटे में रिपोर्ट देगी।
उन्होंने कहा, “अगर कोई भी कर्मचारी या छात्र दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हम किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
स्थानीय प्रशासन भी हरकत में
बांदा के एसपी का कहना है कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। अब तक किसी भी पक्ष की ओर से औपचारिक शिकायत नहीं मिली है, लेकिन पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए पूछताछ शुरू कर दी है।
एसपी ने कहा, “वीडियो में जो भी लोग दिखाई दे रहे हैं, उनकी पहचान की जा रही है। सबूतों के आधार पर कार्रवाई तय होगी।”
सोशल मीडिया पर आक्रोश
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने मेडिकल कॉलेज की आलोचना शुरू कर दी है। कई यूज़र्स ने लिखा कि डॉक्टर जो समाज की सेवा के लिए बने हैं, वही हिंसा में लिप्त हैं — यह बेहद शर्मनाक है।
कई लोगों ने यह भी कहा कि अगर यह घटना सच है, तो संबंधित डॉक्टरों का लाइसेंस निलंबित किया जाना चाहिए।
#BandaMedicalCollege और #DoctorViolence जैसे हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आईं सामने
कुछ स्थानीय नेताओं ने भी इस मामले पर बयान दिए हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह घटना “मेडिकल संस्थानों में बढ़ते अहंकार” का परिणाम है।
वहीं, कुछ भाजपा नेताओं ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि दोनों पक्षों को न्याय मिल सके।
महाविद्यालय में तनावपूर्ण माहौल
घटना के बाद से मेडिकल कॉलेज में तनाव का माहौल बना हुआ है। कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और बाहरी छात्रों के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगा दी है।
छात्रों ने आशंका जताई है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे प्रदर्शन करेंगे। प्रशासन ने फिलहाल छात्रों से शांत रहने और जांच रिपोर्ट आने तक कोई कदम न उठाने की अपील की है।
निष्कर्ष
‘भाई’ कहने जैसी साधारण बात पर हिंसा का फूटना इस बात का संकेत है कि शैक्षणिक संस्थानों में संवाद और अनुशासन का माहौल कमजोर हो रहा है। यह घटना न केवल बांदा मेडिकल कॉलेज के लिए बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र के लिए चेतावनी है।
अब सबकी निगाहें जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं — क्या इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी, या यह भी सिर्फ एक और “वायरल खबर” बनकर रह जाएगी?