
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित बेंगडुबी आर्मी स्टेशन में सुरक्षा में सेंध लगाने की बड़ी कोशिश का मामला सामने आया है। यहां सैन्य खुफिया एजेंसियों और स्थानीय पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड के साथ गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब आरोपी संदिग्ध तरीके से स्टेशन के पास घूम रहा था।
इस घटना ने भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की जांच कर रही हैं कि आरोपी का मकसद क्या था और क्या इसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क सक्रिय है।
संदिग्ध की पहचान और गिरफ्तारी
गिरफ्तार आरोपी की पहचान मोहम्मद शमीम (उम्र 28 वर्ष) के रूप में हुई है, जो कथित रूप से बांग्लादेश के रंगपुर जिले का निवासी है। वह पिछले कुछ महीनों से भारत में अवैध रूप से रह रहा था।
शमीम के पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, भारतीय सिम कार्ड और एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक पूछताछ में उसने दावा किया कि वह “काम की तलाश में आया था”, लेकिन उसकी गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया।
खुफिया एजेंसियों की सक्रियता से हुआ पर्दाफाश
सैन्य खुफिया इकाई (Military Intelligence) को पिछले कुछ दिनों से बेंगडुबी कैंट क्षेत्र के आसपास असामान्य गतिविधियों की सूचना मिल रही थी।
इसके बाद स्थानीय पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस ने संयुक्त जांच शुरू की और इलाके में निगरानी बढ़ा दी।
गुरुवार शाम को जब आरोपी संदिग्ध तरीके से कैंटोनमेंट के पास घूम रहा था, तब सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़ लिया। तलाशी में उसके पास से दो अलग-अलग पहचान पत्र, जिन पर अलग-अलग नाम और पते थे, बरामद हुए।
फर्जी दस्तावेजों का जाल
जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी ने फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनाने के लिए जाली दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया था।
प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि उसने बांग्लादेश में ही एक फर्जी दस्तावेज गिरोह से संपर्क कर ये आईडी तैयार करवाई थीं।
अब एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसने भारत में प्रवेश कैसे किया और उसके स्थानीय संपर्क कौन हैं।
सुरक्षा एजेंसियों में मचा हड़कंप
इस घटना के बाद पूरे नॉर्थ बंगाल क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
बेंगडुबी कैंटोनमेंट, सिलीगुड़ी आर्मी कैंप और बागडोगरा एयरबेस जैसे संवेदनशील ठिकानों पर निगरानी और बढ़ा दी गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“यह मामला सिर्फ अवैध प्रवेश का नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। हम यह भी जांच रहे हैं कि क्या आरोपी ने कैंट क्षेत्र की कोई फोटो या जानकारी किसी बाहरी एजेंसी को भेजी थी।”
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से मिला अहम सुराग
जांचकर्ताओं को आरोपी के पास से बरामद मोबाइल फोन में कई संदिग्ध फोटो और चैट्स मिली हैं। इनमें कुछ लोकेशन टैग भी शामिल हैं जो आर्मी क्षेत्र के आसपास के हैं।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि आरोपी किसी साइबर नेटवर्क या जासूसी गिरोह से जुड़ा हो सकता है।
डिवाइस को फॉरेंसिक लैब में भेज दिया गया है और उसके कॉल रिकॉर्ड्स की गहन जांच जारी है।
अंतरराष्ट्रीय एंगल की जांच
एजेंसियों को शक है कि यह मामला सिर्फ फर्जी पहचान पत्र या अवैध प्रवास का नहीं बल्कि किसी अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।
बांग्लादेश के खुफिया नेटवर्क या किसी आतंकी संगठन से जुड़ाव की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा है।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और BSF (सीमा सुरक्षा बल) को भी इस जांच में शामिल कर लिया गया है।
सीमावर्ती इलाकों पर बढ़ाई गई सतर्कता
बांग्लादेश से लगी भारत-बांग्लादेश सीमा (नॉर्थ बंगाल और कूचबिहार सेक्टर) पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
BSF को आदेश दिया गया है कि वे हर आने-जाने वाले व्यक्ति की कड़ी पहचान जांच करें।
इसके अलावा, फर्जी आईडी कार्ड गिरोहों और स्थानीय दलालों पर भी नजर रखी जा रही है जो इस तरह के अपराधों में शामिल हो सकते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
घटना के बाद राज्य की सियासत भी गर्मा गई है।
भाजपा ने इस मामले में राज्य सरकार पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया, जबकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कहा कि “मामले की जांच पेशेवर एजेंसियों के हवाले है और जल्द सच सामने आएगा।”
विपक्ष ने मांग की है कि केंद्र सरकार पूरे मामले में NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को शामिल करे ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।
स्थानीय नागरिकों में चिंता
इस गिरफ्तारी के बाद बेंगडुबी और सिलीगुड़ी के आसपास के इलाकों में स्थानीय लोगों के बीच सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
कई लोगों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से इलाके में बाहरी लोगों की आवाजाही बढ़ी है, जिस पर पहले ध्यान नहीं दिया गया।
निष्कर्ष
पश्चिम बंगाल में आर्मी स्टेशन की सुरक्षा में सेंध का यह मामला भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
यह सिर्फ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उन संभावित खतरों का संकेत है जो देश की आंतरिक सुरक्षा को चुनौती दे सकते हैं।
फिलहाल आरोपी से लगातार पूछताछ की जा रही है और खुफिया एजेंसियां यह जानने में जुटी हैं कि क्या उसके पीछे कोई बड़ा नेटवर्क या विदेशी एजेंसी शामिल है।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा और चौकसी अब पहले से कहीं अधिक बढ़ा दी गई है।