बेंगलुरु में ‘पार्किंग विवाद’ से बिगड़ा मामला — ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने ड्राइवर को मारा थप्पड़, वीडियो वायरल, लोगों में गुस्सा

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कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक मामूली पार्किंग विवाद ने बड़ा रूप ले लिया, जब एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने कैब ड्राइवर को सरेआम थप्पड़ जड़ दिया। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और अब सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


🔹 5 मिनट की पार्किंग बनी झगड़े की वजह

घटना बेंगलुरु के एक व्यस्त इलाके की बताई जा रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक कैब ड्राइवर ने सड़क किनारे कुछ मिनट के लिए अपनी गाड़ी पार्क की थी, ताकि वह पैसेंजर को लेने जा सके।
इसी दौरान वहां मौजूद एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने उससे बहस शुरू कर दी
ड्राइवर ने जब बताया कि वह केवल 5 मिनट के लिए रुका था, तो दोनों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।

गवाहों के मुताबिक, मामला जल्द ही हाथापाई में बदल गया — और इसी बीच ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने ड्राइवर को थप्पड़ मार दिया।


🔸 सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

घटना का वीडियो किसी राहगीर ने रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर शेयर कर दिया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी और ड्राइवर के बीच बहस चल रही है, तभी अचानक पुलिसवाला अपना आपा खो देता है और ड्राइवर के गाल पर जोरदार थप्पड़ जड़ देता है।

वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए।
कई यूजर्स ने लिखा कि इस तरह का व्यवहार “सार्वजनिक सेवा में अस्वीकार्य” है और संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।


🔹 पुलिस विभाग ने लिया संज्ञान

वीडियो के वायरल होने के बाद बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस ने मामले का तुरंत संज्ञान लिया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है और दोनों पक्षों से बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

“हम किसी भी पुलिसकर्मी को अनुशासनहीन व्यवहार की छूट नहीं देंगे। जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी,”
— वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, बेंगलुरु ट्रैफिक डिवीजन।


🔸 लोगों ने मांगा इंसाफ

घटना के बाद स्थानीय नागरिकों और सोशल मीडिया यूजर्स में गुस्सा है।
कई लोगों ने लिखा कि ट्रैफिक पुलिस को कानून लागू करने का अधिकार है, लेकिन हिंसा करने का नहीं।
एक यूजर ने कहा —

“अगर कोई ड्राइवर गलती करता है, तो उसके खिलाफ चालान या कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, थप्पड़ नहीं।”


🔹 बार-बार दोहराए जा रहे ऐसे मामले

बेंगलुरु में यह पहली बार नहीं है जब ट्रैफिक पुलिस पर इस तरह के आरोप लगे हैं।
पिछले कुछ वर्षों में कई बार पुलिसकर्मियों और वाहन चालकों के बीच कहासुनी या झगड़े के वीडियो सामने आए हैं।
इन घटनाओं के चलते जनता और पुलिस के बीच विश्वास की खाई और गहरी होती जा रही है।


🔚 निष्कर्ष

पांच मिनट की पार्किंग पर शुरू हुआ यह विवाद एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि पुलिस और जनता के बीच संवाद का तरीका कितना संवेदनशील होना चाहिए।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस पर पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने का दबाव बढ़ गया है।
अब देखना होगा कि जांच के बाद इस पुलिसकर्मी पर क्या कार्रवाई की जाती है —
क्योंकि जनता अब “थप्पड़ नहीं, इंसाफ” की मांग कर रही है।

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