“न्याय का मंदिर है, 7 स्टार होटल नहीं…” — मुंबई हाईकोर्ट की नई इमारत पर CJI डी. वाई. गवई का बड़ा बयान

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Mumbai High Court News: मुंबई में बन रही हाईकोर्ट की नई इमारत को लेकर देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. गवई ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अदालत “न्याय का मंदिर है, न कि सात सितारा होटल।” उनका यह बयान तब आया जब नई बिल्डिंग की बढ़ती लागत को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे।

💰 लागत में भारी उछाल, 3,750 करोड़ से दोगुनी तक पहुंची राशि

मुंबई हाईकोर्ट की नई इमारत के निर्माण की प्रारंभिक लागत ₹3,750 करोड़ तय की गई थी, लेकिन अब परियोजना की लागत इससे दोगुनी तक बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
इसी मुद्दे पर बोलते हुए CJI गवई ने कहा कि कोर्ट भवन भव्य जरूर हो सकता है, लेकिन उसका मूल उद्देश्य न्याय देना है, न कि विलासिता दिखाना।

⚖️ “अदालत की शोभा उसके काम में है, न कि इमारत में”

मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि न्यायालय की पहचान उसके फैसलों से होती है, न कि उसकी इमारत की भव्यता से।
उन्होंने कहा —

“हमें न्याय के मंदिर का निर्माण करना है, न कि ऐसा स्थान जो केवल सुविधा और सजावट का प्रतीक बन जाए।”

उन्होंने इस दौरान न्यायिक सेवा में सादगी, अनुशासन और जिम्मेदारी को सर्वोपरि बताया।

🏗️ आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा नया हाईकोर्ट परिसर

बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में बन रहा नया हाईकोर्ट परिसर देश का सबसे आधुनिक न्यायिक भवन बताया जा रहा है।
यहां अत्याधुनिक डिजिटल कोर्टरूम, स्मार्ट फाइलिंग सिस्टम, सोलर एनर्जी पैनल, हरित भवन तकनीक और उन्नत सुरक्षा व्यवस्था जैसी सुविधाएं होंगी।
हालांकि, लागत और देरी को लेकर परियोजना पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

🔍 परियोजना पर उठे सवाल, सरकार ने दी सफाई

कई वकीलों और कानूनी विशेषज्ञों ने कहा है कि न्यायिक व्यवस्था में सुधार और बुनियादी सुविधाओं की कमी को दूर करना ज्यादा जरूरी है, बजाय इसके कि इमारतों पर अरबों रुपये खर्च किए जाएं।
वहीं, महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रोजेक्ट भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है ताकि आने वाले दशकों तक अदालतें सुचारू रूप से काम कर सकें।

🧑‍⚖️ CJI गवई का संदेश — “जनता का विश्वास ही सबसे बड़ा पुरस्कार”

अपने संबोधन में CJI गवई ने कहा कि अदालत का सबसे बड़ा उद्देश्य जनता का विश्वास बनाए रखना है।

“अगर जनता को भरोसा है कि अदालत से न्याय मिलेगा, तो वही हमारी असली सफलता है,”
उन्होंने कहा।

CJI गवई के इस बयान को न्यायपालिका में सादगी और पारदर्शिता की पुनर्स्थापना का संदेश माना जा रहा है।

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