उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रयागराज (Prayagraj)जाकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। सूत्रों की माने तो एक घंटे की मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने जनसंख्या मुद्दे पर चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भागवत से मिलने के लिए लखनऊ से प्रयागराज पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि योगी ने मोहन भागवत को दीपावली के दौरान अयोध्या आने का निमंत्रण भी दिया है। हालांकि जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा काफी संवेदनशील है जिसको लेकर बीजेपी फूंक फूंककर कदम उठा रही है।
मोहन भागवत-योगी के बीच एक घंटे तक हुई चर्चा
दोनों ने एक साथ दोपहर का भोजन किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री लौट आए। सूत्रों के मुताबिक दोनों ने जनसंख्या के मुद्दे पर चर्चा की। आदित्यनाथ ने 23 अक्टूबर को अयोध्या में दीपोत्सव के लिए आरएसएस प्रमुख को भी आमंत्रित किया। योगी और मोहन भागवत की मुलाकात इस मायने में काफी अहम मानी जा रही है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता दत्तात्रेय होसबले ने बुधवार को कहा था कि धार्मिक रूपांतरण और बांग्लादेश से पलायन ‘जनसंख्या असंतुलन’ पैदा कर रहा है और धर्मांतरण विरोधी कानूनों को सख्ती से लागू करने का आह्वान किया था।
आरएसएस की बैठक में उठा था जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा
भागवत 16 से 19 अक्टूबर तक यहां आरएसएस की बैठक में शामिल हुए थे जिसमें जनसंख्या की समस्या पर चर्चा की गई थी। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक मसौदा जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पेश किया था और एक बच्चे के मानदंड को अपनाने और दो बच्चे की नीति का उल्लंघन करने वालों पर प्रतिबंध लगाने के लिए लोक सेवकों को अतिरिक्त प्रोत्साहन सहित कई सिफारिशें की थीं।
योगी ने कुछ महीने पहले उठाया था ये मुद्दा
उल्लेखनीय है कि कुछ महीने पहले, आदित्यनाथ ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रमों को ‘मूल’ निवासियों पर ध्यान केंद्रित करके ‘असंतुलन’ नहीं होना चाहिए, जबकि कुछ समुदाय की विकास दर अधिक बनी हुई है। योगी के इस बयान को मुसलमानों से जोड़कर देखा गया था। उन्होंने कहा था कि ‘जनसंख्या स्थिरीकरण’ लोगों के विभिन्न वर्गों में समान होना चाहिए क्योंककि किसी देश में ‘असंतुलन’ होने पर अराजकता बढ़ जाती है।
