
बिहार की सियासत में इन दिनों जहां चुनावी सरगर्मी तेज है, वहीं छठ महापर्व के मौके पर एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने सभी का ध्यान खींच लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के घर पहुंचे। मुलाकात के दौरान चिराग ने नीतीश के पैर छूकर आशीर्वाद लिया, और पूरे बिहार में इस दृश्य की चर्चा शुरू हो गई।
🔹 छठ पर्व की शुभकामनाएं देने पहुंचे नीतीश
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छठ पूजा के अवसर पर पटना में कई नेताओं और परिचितों से मिलने निकले थे।
इस दौरान वे चिराग पासवान के आवास भी पहुंचे।
नीतीश ने वहां मौजूद परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और छठ की शुभकामनाएं दीं।
चिराग पासवान ने सीएम का स्वागत करते हुए कहा,
“धन्यवाद, जो आप मेरे घर आए। छठ महापर्व पर आपका आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।
🔸 राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज
यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है जब बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है।
महागठबंधन और एनडीए दोनों ही अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने में जुटे हैं।
चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच अतीत में कई बार तीखे राजनीतिक बयानबाज़ी हो चुकी है,
लेकिन इस मुलाकात ने सियासी हलकों में ‘नए समीकरणों’ की अटकलें बढ़ा दी हैं।
एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा —
“बिहार की राजनीति में त्योहारों के मौके पर दिखी ये मुलाकात केवल औपचारिक नहीं मानी जा सकती। इसके पीछे राजनीतिक संदेश भी छिपा हो सकता है।”
🔹 हाल में हुई दोनों की जुबानी जंग
हाल ही में समस्तीपुर में एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार और चिराग पासवान की अनौपचारिक बातचीत भी चर्चा में रही थी।
दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के प्रति शालीनता दिखाई थी, जबकि कुछ समय पहले तक चिराग लगातार नीतीश सरकार की आलोचना कर रहे थे।
🔸 परिवार और परंपरा का जुड़ाव
राजनीतिक मतभेदों के बावजूद चिराग पासवान और नीतीश कुमार के बीच व्यक्तिगत सम्मान का रिश्ता हमेशा कायम रहा है।
चिराग के पिता रामविलास पासवान का नीतीश से लंबे समय तक अच्छा संबंध रहा था।
छठ जैसे धार्मिक अवसर पर दोनों का एक साथ आना सामाजिक सौहार्द और परंपरा का उदाहरण भी माना जा रहा है।
🔚 निष्कर्ष
छठ पर्व पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चिराग पासवान की मुलाकात ने बिहार की राजनीति में नई चर्चा को जन्म दे दिया है।
जहां चिराग ने नीतीश के प्रति आदर जताकर यह संदेश दिया कि “संस्कृति और संबंध राजनीति से ऊपर हैं”,
वहीं नीतीश कुमार की यह मुलाकात राजनीतिक शिष्टाचार के साथ-साथ आने वाले दिनों की संभावित रणनीति का संकेत भी मानी जा रही है।