दिल्ली ब्लास्ट के आरोपी डॉक्टर उमर पर बड़ा खुलासा — मरीज की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज से निकाला गया था, अब खंगाली जा रही है आतंकी कनेक्शन की पूरी कहानी

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दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए भीषण धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं।
अब इस मामले में जांच एजेंसियों को एक अहम सुराग मिला है — मुख्य आरोपी डॉक्टर उमर को उसके कॉलेज से एक मरीज की मौत के बाद निष्कासित कर दिया गया था।
यह जानकारी सामने आने के बाद जांच एजेंसियां उमर की पृष्ठभूमि, संपर्क और गतिविधियों की गहराई से जांच में जुट गई हैं।


1. डॉक्टर उमर का मेडिकल बैकग्राउंड

जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपी डॉ. उमर जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग मेडिकल कॉलेज का छात्र था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉलेज प्रशासन ने उसे लापरवाही के चलते मरीज की मौत के बाद बाहर का रास्ता दिखाया था।
इस घटना के बाद उमर ने कुछ समय तक लो प्रोफाइल जीवन बिताया, लेकिन हाल के महीनों में उसके संदिग्ध संपर्क बढ़ने लगे थे।

कई सूत्रों ने दावा किया है कि उमर पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन पिछले एक साल से वह कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित नजर आने लगा था।
उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच में भी कुछ विवादास्पद पोस्ट और ग्रुप चैट्स सामने आई हैं।


2. फरीदाबाद में मिले केमिकल से जुड़ाव

जांच एजेंसियां पहले से ही फरीदाबाद में बरामद 2900 किलोग्राम बम बनाने वाले केमिकल और दिल्ली ब्लास्ट के बीच कड़ी जोड़ने में लगी हैं।
अब यह शक गहरा गया है कि इस पूरे नेटवर्क में डॉक्टर उमर की तकनीकी जानकारी और केमिकल नॉलेज का इस्तेमाल किया गया हो सकता है।

एजेंसियों का मानना है कि मेडिकल पृष्ठभूमि होने के कारण उमर को केमिकल कंपाउंडिंग और मिश्रण प्रक्रिया की अच्छी समझ थी, जिससे विस्फोटक तैयार करने में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।


3. कॉलेज प्रशासन का बयान

अनंतनाग मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है।
कॉलेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,

“डॉ. उमर को अनुशासनहीनता और मरीज की मौत की घटना के बाद कॉलेज से निलंबित किया गया था। उसके बाद उसने कॉलेज लौटने की कोई कोशिश नहीं की।”

कॉलेज प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि उस समय तक उमर के खिलाफ किसी आतंकी या आपराधिक गतिविधि की जानकारी नहीं थी।
हालांकि अब जांच एजेंसियों के संपर्क में आने के बाद कॉलेज ने उसके पुराने रिकॉर्ड और अटेंडेंस डिटेल्स सौंप दी हैं।


4. जांच एजेंसियों की कार्रवाई तेज़

एनआईए (NIA), दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) इस केस पर समन्वित तरीके से काम कर रहे हैं।
डॉ. उमर की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियों ने उसके संपर्कों, कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजैक्शन्स और ऑनलाइन एक्टिविटी की बारीकी से जांच शुरू की है।

सूत्रों का कहना है कि उमर कश्मीर के दक्षिणी इलाकों में सक्रिय कुछ संदिग्ध संगठनों के संपर्क में था।
सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उमर का कोई सीधा लिंक आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से भी था।


5. आतंकी संगठनों से संभावित कनेक्शन

फरीदाबाद में मिला भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ और दिल्ली ब्लास्ट की तकनीकी समानता को देखते हुए एजेंसियों को शक है कि यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन से जुड़ा हो सकता है
जांचकर्ताओं का कहना है कि उमर सिर्फ एक साधारण “फ्रंट पर्सन” नहीं था, बल्कि तकनीकी प्लानर की भूमिका में था।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार,

“डॉ. उमर की मेडिकल जानकारी का गलत इस्तेमाल किया गया है। वह विस्फोटक केमिकल के रासायनिक अनुपात को समझता था। यह उसकी भूमिका को और गंभीर बनाता है।”


6. सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियां

जांच के दौरान यह भी पता चला है कि उमर कई टेलीग्राम चैनल्स और एन्क्रिप्टेड चैट ग्रुप्स से जुड़ा था।
इनमें से कुछ चैनल ऐसे हैं जिन्हें पहले भी चरमपंथी सामग्री साझा करने के कारण बंद किया गया था।
जांच एजेंसियां अब इन डिजिटल फुटप्रिंट्स को ट्रेस कर संभावित विदेशी फंडिंग की भी जांच कर रही हैं।


7. स्थानीय स्तर पर नेटवर्क का विस्तार

सूत्रों के मुताबिक, उमर दिल्ली और हरियाणा में कुछ लोगों के संपर्क में था, जो खुद को रिसर्च छात्र या मेडिकल इंटर्न बताते थे।
अब इन लोगों की पहचान की जा रही है, क्योंकि एजेंसियों को शक है कि ब्लास्ट की साजिश में इन्हीं की मदद से विस्फोटक सामग्री को दिल्ली तक पहुंचाया गया।

इसके अलावा एनआईए ने फरीदाबाद, नोएडा और गुरुग्राम में कई ठिकानों पर छापेमारी की है।
कुछ लैपटॉप, हार्ड ड्राइव्स और कैमिकल सैंपल भी जब्त किए गए हैं।


8. पुलिस की हिरासत और आगे की जांच

फिलहाल डॉ. उमर को पुलिस ने गहन पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है
पता लगाया जा रहा है कि ब्लास्ट के दिन वह कहां था और किन लोगों के संपर्क में आया।
साथ ही, यह भी जांच का हिस्सा है कि क्या वह किसी आतंकी मॉड्यूल का सक्रिय हिस्सा था या किसी बड़ी साजिश का मोहरा

जांच एजेंसियों ने उमर से जुड़े 10 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजे हैं, जबकि कुछ को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।


9. सियासी हलचल और सुरक्षा एजेंसियों की सजगता

इस खुलासे के बाद देशभर में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है।
कई नेताओं ने दिल्ली ब्लास्ट की पूरी जांच सार्वजनिक करने और सख्त सजा की मांग की है।
वहीं सुरक्षा एजेंसियां अब राजधानी में अलर्ट मोड पर हैं, खासकर सार्वजनिक स्थलों और मेट्रो नेटवर्क में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


10. निष्कर्ष — एक डॉक्टर से आतंकी साजिश तक का सफर

डॉ. उमर का केस सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि यह सवाल उठाता है कि पढ़े-लिखे युवाओं को कट्टरपंथ की ओर कौन मोड़ रहा है
एक समय जो अस्पताल में मरीजों की जान बचाने की जिम्मेदारी निभा रहा था, वही अब सैकड़ों लोगों की जान लेने की साजिश में शामिल पाया गया है।
जांच एजेंसियां अब यह सुनिश्चित करने में लगी हैं कि इस नेटवर्क की जड़ें कहां तक फैली हैं और कौन-कौन लोग इसके पीछे हैं।

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