- राजधानी दिल्ली के साथ एनसीआर क्षेत्र नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम से डेंगू-मलेरिया की प्राप्त हो रही जानकारियां चिंता बढ़ा रही हैं।
- जोखिमों और इससे बचाव के उपायों को लेकर सोमवार (15 सितंबर) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने तैयारियों की समीक्षा भी की।

Dengue-Malaria Cases In Delhi: बीते दिनों राजधानी दिल्ली-एनसीआर में हुई भारी बारिश और कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात ने यहां मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों का खतरा काफी बढ़ा दिया है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले हफ्ते दिल्ली में डेंगू के 62 मामले सामने आए, जो उससे पिछले हफ्ते के 87 मामलों से कम है। इसके अलावा मलेरिया के 33 और चिकनगुनिया के चार मामले भी रिपोर्ट किए गए हैं।
राजधानी क्षेत्र में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियों के चौतरफा अटैक को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है, जगह-जगह फॉगिंग और मच्छरों के प्रजनन को कंट्रोल करने वाले उपाय तेज कर दिए गए हैं।
राजधानी दिल्ली के साथ एनसीआर क्षेत्र नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम से भी प्राप्त हो रही जानकारियां चिंता बढ़ा रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को अलर्ट रहने और मच्छरों से बचाव के लिए निरंतर उपाय करते रहने की सलाह दी है।
दिल्ली-एनसीआर में डेंगू के जोखिमों और इससे बचाव के उपायों को लेकर सोमवार (15 सितंबर) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने तैयारियों की समीक्षा भी की।

स्वास्थ्य मंत्री ने किया अलर्ट
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा ने राजधानी क्षेत्र में डेंगू की तैयारियों पर सोमवार को उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, अधिकारियों से डेंगू को लेकर अपनी तैयारियों का पुनर्मूल्यांकन करने का आग्रह किया गया। हाल के दिनों में भारी बरसात और कुछ क्षेत्रों में जलभराव को देखते इन बीमारियों की चिंता बढ़ गई है।
नड्डा बैठक के दौरान वेक्टर नियंत्रण को तेज करने, निगरानी को मजबूत करने और त्वरित प्रतिक्रिया देने की भी सलाह दी गई है। इसके अलावा डेंगू नियंत्रण में समुदाय की भूमिकाओं पर भी जोर दिया गया।
अधिकारियों ने कहा अस्पतालों में अच्छी तैयारी, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और सामुदायिक सहभागिता डेंगू की तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

दिल्ली में डेंगू के आंकड़े
भारत में 2025 में 2024 की इसी अवधि की तुलना में डेंगू के 47 प्रतिशत कम मामले और 73 प्रतिशत कम मौतें दर्ज की गई हैं। ये आंकड़े तो अच्छे हैं, पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार बरसात सितंबर के शुरुआती हफ्तों में तेज हई है, जगह-जगह जलजमाव रहा है जो मच्छरों के प्रजनन को अनुकूल बनाते हैं और डेंगू-मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देते हैं, इसलिए हम सभी को सावधान रहने की आवश्यकता है।
- एमसीडी द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक अब तक दिल्ली छावनी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 11 डेंगू के मामले दर्ज किए गए, इसके बाद करोल बाग, नजफगढ़ और शाहदरा जैसे उत्तर क्षेत्रों में पांच-पाच मामले दर्ज किए गए।
- नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और रेलवे क्षेत्रों में केवल एक-एक मामला दर्ज किया गया।
- एमसीडी के अनुसार, सितंबर में अब तक शहर में कुल मिलाकर डेंगू के 120, मलेरिया के 62 और चिकनगुनिया के नौ मामले दर्ज किए गए हैं।

नोएडा में भी बढ़ रहे हैं डेंगू के मरीज
राजधानी दिल्ली के साथ नोएडा में भी डेंगू बढ़ रहा है। पिछले 15 दिनों में डेंगू के 176 केस मिले हैं। सितंबर में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। अब कुल मामलों की संख्या 252 हो गई है। जनवरी से अगस्त तक केवल 76 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी, लेकिन सितंबर की शुरुआत में ही हर दिन औसतन 10 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष अभियान भी शुरू किया गया है। मलेरिया अधिकारी श्रुति कीर्ति वर्मा ने बताया कि सितंबर में ज्यादा डेंगू के मामले आए हैं।
डॉक्टर कहते हैं, अगर किसी को लगातार उल्टी, पेट में दर्द या खून निकलने के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डेंगू के मरीजों को अपनी मर्जी से दवा नहीं लेनी चाहिए। पर्याप्त पानी पीते रहना बहुत जरूरी है।

डॉक्टरों ने दी बचाव करते रहने की सलाह
अमर उजाला से बातचीत में पश्चिमी दिल्ली स्थित एक अस्पताल में इंटेंसिव केयर यूनिट के डॉक्टर सौरभ जोशी बताते हैं, रोजाना ओपीडी में आ रहे मरीजों में मच्छर जनित रोगों के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। जिन रोगियों को कुछ दिनों से बुखार, शरीर दर्द के साथ त्वचा पर लाल चकत्ते दिख रहे हैं उन्हें एहतियातन खून की जांच कराने की सलाह दी जा रही है।
आप कुछ बातों का ध्यान रखकर इन बीमारियों से बच सकते हैं। इसके लिए घर के आसपास (कूलर, बर्तन, गमले) पानी इकट्ठा न होने दें। मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें। सुबह-शाम घर के कोनों में कीटनाशक छिड़कें। इसके अलावा बुखार आने पर या फिर सामान्य दवाओं से आराम न मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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