
डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज के प्रोफेसर सुजीत कुमार से दुर्व्यवहार पर भड़के शिक्षक और छात्र संगठन
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में हाल ही में सामने आए “थप्पड़ कांड” ने अब बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
इस मामले में आरोपी छात्रनेता दीपिका झा के खिलाफ अब 35 कॉलेजों के शिक्षक संगठनों और छात्र यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है।
सभी का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अगर जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो वे सामूहिक विरोध और कक्षाओं के बहिष्कार जैसे कदम उठाएंगे।
🔹 क्या है पूरा मामला
यह विवाद डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज से जुड़ा है, जहां बीते दिनों छात्र संगठन से जुड़ी नेता दीपिका झा ने सीनियर प्रोफेसर डॉ. सुजीत कुमार के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार और थप्पड़ मारने जैसी घटना को अंजाम दिया था।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद शिक्षक संघों और छात्रों में आक्रोश फैल गया।
🔹 35 कॉलेजों के शिक्षकों का विरोध
दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के करीब 35 शिक्षक संघों और संगठनों ने इस घटना को “शैक्षणिक माहौल पर हमला” बताया है।
इन संस्थानों में हिंदू कॉलेज, रामजस, मिरांडा हाउस, हंसराज, किरोड़ीमल, एसजीटीबी खालसा और DU टीचर्स एसोसिएशन (DUTA) जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
उन्होंने कुलपति को भेजे एक संयुक्त ज्ञापन में कहा है—
“अगर दीपिका झा पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो हम विश्वविद्यालय स्तर पर आंदोलन करेंगे।
यह सिर्फ एक प्रोफेसर नहीं, बल्कि शिक्षक समुदाय की गरिमा पर हमला है।”
🔹 प्रोफेसर सुजीत कुमार का बयान
घटना के बाद प्रोफेसर सुजीत कुमार ने कहा —
“मैं 20 साल से शिक्षण कार्य में हूं, लेकिन ऐसा दुर्व्यवहार कभी नहीं देखा।
यह घटना हर शिक्षक के सम्मान पर प्रश्नचिह्न है। मैं न्याय की उम्मीद रखता हूं।”
प्रोफेसर के समर्थन में अब DU के कई शिक्षकों ने ‘टीचर्स फॉर डिग्निटी’ कैंपेन शुरू किया है।
🔹 विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
DU प्रशासन ने घटना पर संज्ञान लेते हुए एक आंतरिक जांच समिति गठित कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, दीपिका झा से लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है, जबकि प्रोफेसर से भी विस्तृत बयान दर्ज किया गया है।
प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
🔹 छात्र संगठनों में भी बंटवारा
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र राजनीति में सक्रिय विभिन्न संगठनों में भी इस मुद्दे को लेकर मतभेद हैं।
कुछ संगठन दीपिका झा के समर्थन में कह रहे हैं कि मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जबकि अन्य इसे “शिक्षक के खिलाफ हिंसा” करार दे रहे हैं।
🔹 अगले कदम
अगर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो शिक्षक संघों ने चेतावनी दी है कि वे DU के नॉर्थ और साउथ कैंपस दोनों में सामूहिक प्रदर्शन करेंगे।
DUTA ने कहा है कि वे मामले को मानवाधिकार आयोग तक भी ले जा सकते हैं।