GST 2.0: ‘जीएसटी में सुधार से उपभोक्ताओं व एमएसएमई को बड़े फायदे की उम्मीद’, जानें उद्योग जगत ने क्या कहा

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प्रधानमंत्री मोदी के जीएसटी सुधार के प्रस्ताव पर जानकारों का कहना है कि इस सुधार से उपभोक्ताओं की जेब में अधिक पैसा आएगा और यह मांग को प्रोत्साहित करेगा। दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती और कर स्लैब को सरल बनाने के कदम से छोटे व्यापारियों, एमएसएमई और खुदरा क्षेत्र को बहुत फायदा होगा।

Consumers and MSME expect big benefits from GST reforms, know what experts said
जीएसटी – फोटो

प्रधानमंत्री मोदी के जीएसटी सुधार प्रस्ताव को लेकर उद्योग जगत ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में घोषणा की कि सरकार जीएसटी के प्रावधानों पर पुनर्विचार करेगी और ढांचे में सुधार करेगी।

स्लैब दरों में बदलाव का प्रस्ताव
केंद्र ने जीएसटी दरों के 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के मौजूदा स्लैब को खत्म करने और केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत जीएसटी दरें रखने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत 12 प्रतिशत स्लैब में से 99 प्रतिशत को 5 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही 28 प्रतिशत स्लैब में से 90 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा हानिकारक व लक्जरी वस्तुओं पर 40% स्लैब बनाए जाने की संभावना है।

जीएसटी सुधार से उपभोक्ताओं की जेब में अधिक पैसा आएगा
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्टॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा कि यह प्रतिबद्ध था कि जीएसटी से आम जनता पर कर नहीं बढ़ेगा, लेकिन मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ क्षेत्रों में कर बढ़ गया है। कम स्लैब में समग्र युक्तिकरण बहुत तेजी से हो रहा है, क्योंकि हमें 2047 तक विकसित भारत के लिए तैयारी करनी है। जीएसटी सुधार से उपभोक्ताओं की जेब में अधिक पैसा आएगा और यह मांग को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही यह उद्योग और उपभोक्ताओं के लिए अच्छा होगा।

जीसएटी लागू हुए आठ वर्ष हो चुके
अर्थशास्त्री वेद जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा यह थी कि जीएसटी लागू हुए आठ वर्ष हो चुके हैं और हमारे पास अनुभव है। संग्रह में सुधार हुआ है, डेटा विश्लेषण के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है। चूंकि हमने वैट से जीएसटी में संक्रमण किया था, इसलिए सरकार अनिश्चित थी कि इसका क्या परिणाम होगा और कितना संग्रह होगा, इसलिए सरकार ने चार कर स्लैब – 6%, 12%, 18% और 28% के साथ जाने का निर्णय लिया। आठ वर्षों के बाद, कर दरों की संख्या कम होनी चाहिए और अब दो कर दरें होने की संभावना है।

यह सुधार आने वाले वर्षों के लिए लाभकारी
पीएचडीसीसीआई के सीईओ एवं महासचिव रंजीत मेहता ने कहा कि अक्टूबर तक लागू होने वाले जीएसटी सुधार आने वाले वर्षों में देश के लिए लाभकारी होंगे।

एमएसएमई और छोटे व्यापारियों को मिलेगा लाभ
भाजपा सांसद और अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती और कर स्लैब को सरल बनाने के कदम से छोटे व्यापारियों, एमएसएमई और खुदरा क्षेत्र को बहुत फायदा होगा, साथ ही त्योहारी सीजन से पहले अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

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