Gujarat Mega Demolition Drive: गांधीनगर में प्रशासन की तरफ से बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत 700 घरों को तोड़ने के लिए चिन्हित किया गया। इस अभियान को सही से चलाने के लिए 700 पुलिसकर्मी, जिनमें कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं।

गुजरात के राजधानी गांधीनगर में गुरुवार तड़के एक बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू हुई, जिसमें प्रशासन ने साबरमती नदी के किनारे सरकारी जमीन पर बने सैकड़ों अवैध ढांचों को गिराना शुरू किया। इस मेगा अतिक्रमण हटाओ अभियान में करीब 700 अवैध निर्माणों की पहचान की गई है। इनमें से 150 ढांचों को गुरुवार दोपहर तक तोड़ दिया गया, जबकि बाकी पर कार्रवाई जारी है।
तड़के सुबह चार बजे शुरू हुआ अभियान
गांधीनगर के पेटापुर इलाके में यह अभियान सुबह 4 बजे शुरू हुआ। इसमें गांधीनगर नगर निगम (जीएमसी), राज्य के रोड्स एंड बिल्डिंग्स (आरएंडबी) विभाग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम शामिल रही। इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए 700 पुलिसकर्मी, जिनमें कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, तैनात किए गए।
गांधीनगर के पेटापुर इलाके में यह अभियान सुबह 4 बजे शुरू हुआ। इसमें गांधीनगर नगर निगम (जीएमसी), राज्य के रोड्स एंड बिल्डिंग्स (आरएंडबी) विभाग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम शामिल रही। इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए 700 पुलिसकर्मी, जिनमें कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं, तैनात किए गए।

20 टीमों की निगरानी में चलाया गया अभियान
मामले में जिले के पुलिस अधीक्षक रवि तेजा वासमसेट्टी ने जानकारी दी कि यह पूरा अभियान 20 टीमों की निगरानी में चल रहा है। उन्होंने बताया, ‘करीब 1 लाख वर्ग मीटर सरकारी जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने का लक्ष्य है। यह जमीन साबरमती नदी के किनारे स्थित है। अब तक 150 अवैध मकान और दुकानों को तोड़ा जा चुका है। हमें उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिनों में यह पूरा अभियान खत्म हो जाएगा।’ पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि जिस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा है, उसकी बाजार कीमत करीब 1,000 करोड़ रुपये है।
मामले में जिले के पुलिस अधीक्षक रवि तेजा वासमसेट्टी ने जानकारी दी कि यह पूरा अभियान 20 टीमों की निगरानी में चल रहा है। उन्होंने बताया, ‘करीब 1 लाख वर्ग मीटर सरकारी जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त कराने का लक्ष्य है। यह जमीन साबरमती नदी के किनारे स्थित है। अब तक 150 अवैध मकान और दुकानों को तोड़ा जा चुका है। हमें उम्मीद है कि अगले दो से तीन दिनों में यह पूरा अभियान खत्म हो जाएगा।’ पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि जिस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा है, उसकी बाजार कीमत करीब 1,000 करोड़ रुपये है।

अभियान की खास बातें
- कुल 700 अवैध निर्माण चिह्नित, अब तक 150 ढांचे ध्वस्त।
- अभियान सुबह 4 बजे शुरू हुआ।
- 20 टीमें जीएमसी और आर\एंडबी विभाग की निगरानी में काम कर रहीं।
- 700 पुलिसकर्मियों की तैनाती सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए।
- लगभग 1 लाख वर्ग मीटर जमीन को कब्जामुक्त करने का लक्ष्य।

प्रशासन के फैसले पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
प्रशासन के मुताबिक, यह कार्रवाई लंबे समय से हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए की जा रही है। जैसे-जैसे तोड़फोड़ आगे बढ़ेगी, पूरे इलाके को खाली कर वहां नियोजित विकास कार्य किए जाएंगे।स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर हलचल बनी हुई है। कुछ लोग प्रशासन के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, जबकि प्रभावित परिवारों में नाराजगी भी देखी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई के पहले लोगों को नोटिस और पर्याप्त समय दिया गया था, ताकि वे अपने ढांचों को स्वयं हटा सकें।
प्रशासन के मुताबिक, यह कार्रवाई लंबे समय से हो रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए की जा रही है। जैसे-जैसे तोड़फोड़ आगे बढ़ेगी, पूरे इलाके को खाली कर वहां नियोजित विकास कार्य किए जाएंगे।स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर हलचल बनी हुई है। कुछ लोग प्रशासन के फैसले का समर्थन कर रहे हैं, जबकि प्रभावित परिवारों में नाराजगी भी देखी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि कार्रवाई के पहले लोगों को नोटिस और पर्याप्त समय दिया गया था, ताकि वे अपने ढांचों को स्वयं हटा सकें।