India-EFTA Deal: भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच मुक्त व्यापार समझौता लागू हो गया है। इसमें स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टाइन शामिल हैं। समझौते के तहत भारत से 92.2% उत्पाद श्रेणियों पर शुल्क कम होगा और 15 साल में 100 अरब डॉलर निवेश का वादा किया गया है।

भारत और यूरोप के चार देशों के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता अब लागू हो गया है। इस ऐतिहासिक समझौते से आने वाले वर्षों में भारत को 100 अरब डॉलर का निवेश मिलने की उम्मीद है। स्विट्जरलैंड की स्टेट सेक्रेटरी फॉर इकोनॉमिक अफेयर्स हेलेन बुडलीगर ने कहा कि यह समझौता दोनों तरफ के रिश्तों को नए आयाम देगा और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा बूस्टर साबित होगा।
यह समझौता ऐसे समय में लागू हुआ है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में रूस से तेल आयात करने पर भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, जिसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क शामिल है। इस बीच ईएफटीए और भारत के बीच हुआ यह समझौता नई संभावनाओं का द्वार खोल रहा है।
समझौते के प्रावधान
ईएफटीए में स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टाइन शामिल हैं। इस समझौते के तहत भारत से निर्यात होने वाले 92.2 प्रतिशत उत्पाद श्रेणियों पर शुल्क घटाने का प्रावधान है। मार्च 2024 में हुए इस करार में यह भी तय किया गया कि चारों देश अगले 15 वर्षों में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। यह निवेश तकनीक, विनिर्माण, टेक्सटाइल, चमड़ा और खाद्य उत्पादों के क्षेत्र में केंद्रित होगा।
बुडलीगर का बयान
स्विस अधिकारी बुडलीगर ने कहा, “यह समझौता बिल्कुल सही समय पर हुआ है। वैश्विक व्यापार अस्थिरता के बीच यह हमारे लिए और भी अहम है। हालांकि यह मौजूदा अमेरिकी नीतियों से जुड़ा नहीं है। दरअसल, इसे पूरा होने में 16 साल की लंबी बातचीत लगी है। उन्होंने कहा कि भारत और ईएफटीए के बीच यह करार हमारी पुरानी साझेदारी को नई मजबूती देगा।
भारत की आर्थिक क्षमता पर भरोसा
बुडलीगर ने भारत की आर्थिक विकास क्षमता पर भरोसा जताया। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के ‘30-30-30 फार्मूले’ का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि अगले 30 वर्षों में भारत 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा और औसत उम्र 30 साल बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस क्षमता को देखकर यूरोपीय निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।
निवेश और व्यापारिक साझेदारी
बुडलीगर ने उम्मीद जताई कि 15 वर्षों के भीतर 100 अरब डॉलर का निवेश लक्ष्य हासिल हो जाएगा। उनके साथ आई 40 कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भारत में निवेश की ठोस योजनाएं प्रस्तुत कीं। उन्होंने कहा कि इसके लिए निवेश माहौल और ढांचे को बेहतर बनाने की आवश्यकता होगी। वर्तमान में भारत में 330 से अधिक स्विस कंपनियां इंजीनियरिंग, केमिकल्स, फार्मा और प्रिसीजन इंस्ट्रूमेंट्स जैसे क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जबकि भारतीय कंपनियां आईटी और मशीनरी क्षेत्र में स्विट्जरलैंड में मौजूद हैं।
इस समझौते के बाद भारत-स्विट्जरलैंड रिश्तों में भी मजबूती आने की संभावना है। दोनों देशों ने कौशल विकास, नवाचार साझेदारी और निवेश को गति देने के लिए तंत्र विकसित करने पर सहमति जताई है। जून 2025 में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की स्विट्जरलैंड यात्रा ने भी इस दिशा में ठोस कदम बढ़ाए थे।