
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए देश की सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। इसरो ने अपने शक्तिशाली ‘बाहुबली रॉकेट LVM3-M5’ से भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया CMS-03 (GSAT-7R) सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किया। इस सैटेलाइट के जरिए भारत की समुद्री निगरानी क्षमता अब कई गुना बढ़ जाएगी।
🌌 भारतीय नौसेना के लिए नई आँखें बनेगा CMS-03
यह सैटेलाइट भारतीय नौसेना के लिए एक डेडिकेटेड कम्युनिकेशन और सर्विलांस सिस्टम है। इसके जरिए भारतीय नौसेना को अब हिंद महासागर और उसके आसपास के क्षेत्रों में रियल-टाइम डेटा, सुरक्षित संचार और रणनीतिक निगरानी की सुविधा मिलेगी। दुश्मन जहाजों और पनडुब्बियों की हर हरकत पर अब भारत की पैनी नज़र रहेगी।
🚀 ‘बाहुबली’ रॉकेट की फिर सफलता
ISRO का LVM3 रॉकेट, जिसे ‘बाहुबली’ कहा जाता है, इससे पहले चंद्रयान-3 और गगनयान मिशन के अहम चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। इस बार भी इस रॉकेट ने CMS-03 को जीसिंक ऑर्बिट में पहुंचाकर भारत की अंतरिक्ष शक्ति को और मजबूत कर दिया।
🛰️ क्या है CMS-03 सैटेलाइट की खासियत
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यह सैटेलाइट पहले के GSAT-7 और GSAT-7A मिशनों का एडवांस्ड वर्जन है।
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इसमें उच्च क्षमता वाले ट्रांसपोंडर्स और सुरक्षित नेटवर्क मौजूद हैं।
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यह भारतीय नौसेना को एकीकृत संचार नेटवर्क देगा, जिससे सभी जहाज, एयरक्राफ्ट और बेस एक ही प्लेटफॉर्म से जुड़े रहेंगे।
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इसकी कवरेज भारत के समुद्री सीमाओं से लेकर हिंद महासागर के गहरे इलाकों तक फैली होगी।
🇮🇳 रक्षा के क्षेत्र में ‘मेड इन इंडिया’ की बड़ी छलांग
इस लॉन्च के साथ भारत ने न सिर्फ अपनी अंतरिक्ष तकनीक में महारथ दिखाई है, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी क्षमताओं को भी और सशक्त किया है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह सैटेलाइट भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल रेडीनेस को नई धार देगा।