Jaishankar: डोभाल के बाद जयशंकर भी रूस जाएंगे, ट्रंप की धमकियों और टैरिफ वॉर के बीच विदेश मंत्री का अहम दौरा

AP11

इस वर्ष के अंत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आ सकते हैं। ऐसे में दोनों नेताओं की मुलाकात में पुतिन के दौरे की तैयारियों पर भी बात हो सकती है।

jaishankar will visit russia held meeting with Foreign Minister Sergey Lavrov
                                   विदेश मंत्री एस जयशंकर – फोटो : पीटीआई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत और रूस के संबंधों में काफी करीबी देखी जा रही है। हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रूस का दौरा किया था और वहा मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ ही कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। अब खबर आई है कि भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भी जल्द रूस दौरे पर जाएंगे और वहां रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव से मुलाकात करेंगे।

रूसी विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
रूसी विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में बताया कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव के बीच 21 अगस्त को मॉस्को में बैठक होगी। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय ढांचे के अंतर्गत कई अहम मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा होगी। साथ ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर भी बातचीत होगी। इस वर्ष के अंत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर आ सकते हैं। ऐसे में दोनों नेताओं की मुलाकात में पुतिन के दौरे की तैयारियों पर भी बात हो सकती है।

विदेश मंत्री जयशंकर का रूस दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब भारत और अमेरिका के संबंधों में थोड़ी तल्खी आई है। यह तल्खी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद हुई है। अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को कथित तौर पर बढ़ावा देने के चलते भारत पर टैरिफ लगाया है। साथ ही अमेरिकी सरकार इन दिनों पाकिस्तान के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाने में जुटी है। ऐसे में भारत भी अपने सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है।

डोभाल के रूस दौरे में सैन्य तकनीकी सहयोग पर हुई बातचीत
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के रूस दौरे पर दोनों देशों के बीच सैन्य तकनीक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई थी। भारत स्थित रूसी दूतावास ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी थी। साथ ही असैन्य विमान निर्माण, धातु उद्योग और रासायनिक उद्योग जैसे अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने पर भी बातचीत हुई।

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