
दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में एक बार फिर लेफ्ट गठबंधन (Left Alliance) ने शानदार वापसी की है। छात्रसंघ चुनावों में चारों प्रमुख पदों — अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव — पर लेफ्ट ने जीत दर्ज कर ली है। इस जीत के साथ कैंपस में एक बार फिर “लाल सलाम” के नारे गूंज उठे हैं।
🗳️ चारों पदों पर लेफ्ट की बाजी
JNU छात्रसंघ चुनाव 2025 की मतगणना पूरी हो चुकी है।
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अध्यक्ष पद पर लेफ्ट की उम्मीदवार अदिति मिश्रा ने भारी अंतर से जीत हासिल की।
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उपाध्यक्ष पद पर आशीष यादव,
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सचिव पद पर स्नेहा घोष,
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और संयुक्त सचिव पद पर रवि राज विजयी रहे।
यह जीत लेफ्ट संगठनों — AISA, SFI, AISF और DSF — के साझा गठबंधन की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
🏛️ ABVP और NSUI को बड़ा झटका
इस चुनाव में ABVP और NSUI दोनों ही प्रमुख छात्र संगठनों को हार का सामना करना पड़ा।
ABVP के उम्मीदवार कई सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन उन्हें निर्णायक वोट नहीं मिल सके।
NSUI की ओर से भी इस बार कोई खास प्रदर्शन देखने को नहीं मिला।
🔥 कैंपस में जश्न का माहौल
नतीजे घोषित होते ही JNU कैंपस “लाल सलाम” और “इंकलाब जिंदाबाद” के नारों से गूंज उठा।
लेफ्ट समर्थक छात्र लाल झंडे और बैनर लेकर देर रात तक जश्न मनाते रहे।
विजेता उम्मीदवारों ने कहा —
“यह जीत विचारधारा और छात्र एकजुटता की जीत है। हम छात्र अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे।”
🧩 मुद्दों पर लड़ी गई थी लड़ाई
इस बार के चुनाव में फीस वृद्धि, कैंपस सुरक्षा, महिला छात्रों की सुरक्षा, आवास समस्या और स्वायत्तता के मुद्दे प्रमुख रहे।
लेफ्ट ने लगातार सरकार और प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाए थे और छात्रों से “समानता और अधिकार” के नाम पर वोट मांगे थे।
📚 जेएनयू का ‘लेफ्ट किला’ फिर मज़बूत
जेएनयू को लंबे समय से “लेफ्ट का गढ़” कहा जाता रहा है।
बीच में ABVP ने कुछ वर्षों में चुनौती पेश की थी, लेकिन इस बार फिर से लेफ्ट ने अपना पुराना दबदबा कायम कर लिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह परिणाम आने वाले छात्र आंदोलनों और विचारधारात्मक बहसों को भी नया आयाम देगा।