
Kartik Purnima 2025: हिन्दू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु, शिव और माता लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है।
कार्तिक पूर्णिमा तिथि और मुहूर्त
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स्नान और दान का शुभ मुहूर्त: 5 नवंबर को 4 बजकर 52 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. यानी कुल मिलाकर 52 मिनट मिलेंगे.
इस अवधि में गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी या किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान का अत्यधिक महत्व बताया गया है।
🙏 धार्मिक महत्व
पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था, इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
वहीं, विष्णु भक्तों के लिए यह दिन पद्मपुराण में वर्णित कार्तिक मास के पुण्यफल का प्रतीक है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन दीपदान करने से पिछले सभी पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
🪔 पूजन विधि
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प्रातःकाल पवित्र स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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भगवान विष्णु और शिव की प्रतिमा को जल, पुष्प और तुलसी अर्पित करें।
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घी का दीपक जलाकर दीपदान करें।
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गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करें।
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शाम को नदी या घर के आंगन में दीप जलाकर भगवान को अर्पित करें।
🌸 क्या करें और क्या न करें
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इस दिन मांसाहार, मद्यपान और क्रोध से बचें।
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तुलसी के पौधे में दीप जलाना शुभ होता है।
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किसी भी जीव की हिंसा न करें, क्योंकि यह दिन अहिंसा पर्व के रूप में भी जाना जाता है।
📿 निष्कर्ष
कार्तिक पूर्णिमा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि दान, करुणा और आत्मशुद्धि का प्रतीक है। इस दिन किए गए सत्कर्मों का फल सौगुना मिलता है। इसलिए श्रद्धालु सुबह-सुबह स्नान और दान का संकल्प लेकर इस पावन दिन का लाभ अवश्य उठाएं।