
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसी आतंकी साजिश का पर्दाफाश किया है जिसने देश की सुरक्षा एजेंसियों को हिला दिया है। डॉक्टर की पढ़ाई कर चुका एक युवक, डॉ. आदिल, इलाज की जगह मौत का सौदागर बन बैठा था। वह न केवल आतंकियों से संपर्क में था, बल्कि उसने फरीदाबाद से लेकर कश्मीर तक एक बड़े आतंकी नेटवर्क की नींव रख दी थी। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि उसके कब्जे से AK-47 राइफल्स, हैंड ग्रेनेड्स और करीब 300 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।
इलाज छोड़ आतंक का रास्ता
जानकारी के मुताबिक, डॉ. आदिल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा इलाके का रहने वाला है। उसने मेडिकल कॉलेज से MBBS की पढ़ाई की थी और कुछ समय तक स्थानीय अस्पताल में कार्यरत भी रहा। लेकिन कुछ वर्षों पहले वह चरमपंथी विचारधारा की ओर झुक गया और विदेशी आतंकी संगठनों से संपर्क साध लिया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, आदिल ने “इलाज से ज्यादा असरदार हथियार” बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए थे।
पुलिस को शक है कि उसने इंटरनेट के ज़रिए विस्फोटक बनाने की जानकारी जुटाई और धीरे-धीरे आतंकियों का भरोसा जीत लिया। उसके पास से जो दस्तावेज़ और डिजिटल डेटा मिले हैं, उनसे साफ संकेत मिलता है कि वह दिल्ली और एनसीआर को टारगेट बनाकर बड़ी वारदात की तैयारी में था।
फरीदाबाद में मिला 300 किलो विस्फोटक
जांच एजेंसियों को सबसे बड़ा सुराग तब मिला जब हरियाणा के फरीदाबाद में एक गोदाम से 300 किलो केमिकल पाउडर बरामद किया गया। यह वही सामग्री थी जिसका उपयोग RDX बनाने में किया जा सकता है। यह बरामदगी दिल्ली ब्लास्ट से ठीक कुछ घंटे पहले हुई थी, जिसने बाद में इस मामले को और गंभीर बना दिया।
फरीदाबाद से जब्त किए गए साक्ष्यों में एक फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट, कई संदिग्ध फोन नंबर और कुछ डिजिटल ट्रिगर डिवाइस भी मिली हैं। बताया जा रहा है कि डॉक्टर आदिल इन्हें रिमोट-कंट्रोल्ड विस्फोटक के रूप में इस्तेमाल करने वाला था।
AK-47 और हथियारों का जखीरा बरामद
जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने जब आदिल के छिपने के ठिकाने पर छापा मारा, तो वहां से दो AK-47 राइफल्स, चार पिस्तौलें, कई मैगज़ीन और ग्रेनेड्स मिले। इसके अलावा, कई ऐसे दस्तावेज़ भी मिले जिनसे उसके पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संबंधों के प्रमाण मिले हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि आदिल ने मेडिकल पेशे को एक कवच के रूप में इस्तेमाल किया। वह इलाज के बहाने लोगों से मिलता-जुलता था और इसी दौरान अपने नेटवर्क को मज़बूत करता गया।
दिल्ली धमाके से जुड़ रहे हैं तार
एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या डॉक्टर आदिल का नेटवर्क हाल ही में हुए दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट से जुड़ा हुआ है। प्रारंभिक जांच में कुछ ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और विस्फोटक सामग्री मिली हैं, जिनका उपयोग दिल्ली ब्लास्ट में भी किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों को अब यह शक है कि फरीदाबाद में मिला विस्फोटक और दिल्ली धमाका एक ही साजिश का हिस्सा थे। यह पूरी योजना राजधानी में बड़ा आतंकी हमला करने की थी, जिसे समय रहते नाकाम कर दिया गया।
कई एजेंसियां जांच में जुटीं
इस केस की जांच में अब NIA, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, और जम्मू-कश्मीर पुलिस संयुक्त रूप से काम कर रही हैं। फरीदाबाद और श्रीनगर में कई ठिकानों पर छापेमारी जारी है। सूत्र बताते हैं कि जांच के दौरान कुछ और संदिग्ध डॉक्टरों और छात्रों के नाम भी सामने आए हैं, जिन पर निगरानी रखी जा रही है।
देशभर में बढ़ाई गई सुरक्षा
इस घटना के बाद दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। प्रमुख संस्थानों, मेट्रो स्टेशनों और बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
निष्कर्ष
डॉ. आदिल का केस इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवाद अब पारंपरिक चेहरों तक सीमित नहीं रह गया है। एक शिक्षित डॉक्टर, जो लोगों की जान बचाने के लिए बना था, अब देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया। एजेंसियों का कहना है कि अगर समय रहते इस साजिश का खुलासा न हुआ होता, तो देश में एक बड़ा आतंकी हमला हो सकता था।