नवीन के भाई सचिन व अन्य परिजन 25 जुलाई को उनके चारबाग से लापता होने और मारपीट की शिकायत लेकर नाका थाने पहुंचे थे। नाका पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और केस दर्ज किए बिना ही लौटा दिया। इस बीच एक पुलिस अधिकारी को गोरखपुर के एक पार्षद ने फोन कर नवीन यादव के लापता होने और उनके साथ अनहोनी की आशंका की सूचना दी। इस पर अधिकारी ने नाका पुलिस को फटकार लगाई और 27 जुलाई को नवीन यादव की गुमशुदगी दर्ज हुई।
बुधवार को खुलासा हुआ कि नवीन यादव की हत्या की गई है। उनका शव 25 जुलाई की सुबह आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास मिला था। 72 घंटे के इंतजार के बाद जब शव की पहचान नहीं हुई तो आलमबाग पुलिस ने नवीन के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। नाका पुलिस की लापरवाही के कारण नवीन के परिजनों को उनका अंतिम संस्कार नहीं कर सके।
मामले में नाका पुलिस ने ई ऑटो चालक सीतापुर तंबौर निवासी अमित त्रिवेदी और उसके साथी सीतापुर थानगांव निवासी कन्हैया शुक्ला को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से ईऑटो, मृतका मोबाइल, लूटे गए 15 हजार रुपये और बैग भी बरामद किया है।
