Mau News: फर्जी अभिलेख के सहारे नौकरी कर रहे 42 शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा, तीन अधिकारी भी बनाए गए आरोपी

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Mau News: कूटरचित दस्तावेज पर नौकरी कर रहे 42 शिक्षकों के खिलाफ मऊ जिले की शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। तीन तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी भी आरोपी बनाए गए हैं।

Police Case filed against 42 teachers working on basis of fake records in varanasi
सांकेतिक तस्वीर – फोटो : Adobe Stock

जिला समाज कल्याण अधिकारी विकास ने जिले के 19 आंबेडकर स्कूलों में कूटरचित दस्तावेज पर नौकरी कर रहे 42 शिक्षकों के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।

इन शिक्षकों के अलावा इस नियुक्ति में शामिल रहे 20 स्कूल प्रबंधक, तीन तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी और तीन पर्यवेक्षकों के साथ शिक्षा विभाग के तीन तत्कालीन अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। फर्जीवाड़े का खुलासा 2018 में तत्कालीन डीएम प्रकाश बिंदू की जांच में हुआ था। यह कार्रवाई आश्वासन समिति की शिकायत पर की गई।

आश्वासन समिति के सदस्यों की आंबेडकर स्कूलों में फर्जीवाड़ा की शिकायत के बाद नियम 51 के तहत यह जांच की गई। इसमें 42 शिक्षकों के अभिलेखों में फर्जीवाड़े मिलने पर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की गई।

तत्कालीन तीन जिला समाज कल्याण अधिकारी भी बनाए गए हैं आरोपी

फर्जी दस्तावेज पर शिक्षकों के नौकरी हासिल करने के मामले में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी बलदेव त्रिपाठी, जितेंद्र मोहन शुक्ल, विमला राय पर भी मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा तत्कालीन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी फतेहपुर मंडाव, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी घोसी, तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना, तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी पर केस हुआ है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन पर्यवेक्षक कैलाश सिंह, जितेंद्र कुमार राय, शोयब अहमद खान और 14 अज्ञात भी आरोपी बनाए गए हैं।

इन शिक्षकों पर दर्ज हुआ है मुकदमा
जिला समाज कल्याण विभाग विकास रश्मी मिश्रा ने शिक्षक कुलदीप नारायण, गौरव कुमार पांडेय, जितेंद्र सिंह, राजमती यादव, राकेश कुमार दीक्षित, वंदना कौशल, अभिषेक कुमार दुबे, रामप्यारे प्रसाद, सुरेंद्र कुमार भारती पर मुकदमा दर्ज कराया। इसके अलावा रजनीश उपाध्याय, श्रीराम प्रसाद, मनोज कुमार राय, मुकेश यादव, अश्वनी कुमार रंजन, राघवेंद्र कुमार मिश्रा, शमा, उपमा गौतम, हरिकेश यादव, कमरुदीन, रामप्रसाद, अनिता सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।

इसके साथ शिक्षक अनुप्रिया राय, शशिकांत सिंह, प्रतिमा पटेल, विछुता पटेल, सलील कुमार दुबे, अभिषेक पांडेय, अनिल कुमार यादव, अर्चना भारती, प्रमोद कुमार राव, बृजेश कुमार यादव, धर्मेंद्र कुमार, मोनिका जायसवाल, वीना राय, संजय कुमार, ओमप्रकाश भारती, रेनू यादव समेत 42 पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

तत्कालीन प्रबंधक भी बनाए गए आरोपी

धनंजय कुमार, सखरज, गौरीराम, रामलाल, विनोद कुमार, सरोजनाथ पांडेय, सरफराज अहमद, शेख सल्लू, रामसेवक राम, लछीराम, मोतीचंद्र, शंभू सिंह, अरविंद्र कुमार, सुधाकर शर्मा, राजकिशोर प्रसाद, रामअवध राव, प्रभुशंकर राय, मुसाफिर समेत 20 तत्कालीन प्रबंधक भी मामले में आरोपी बनाए गए हैं।

तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी भी आरोपी
तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी बलदेव त्रिपाठी, जितेंद्र मोहन शुक्ल, विमला राय पर भी मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा तत्कालीन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी फतेहपुर मंडाव, सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी घोसी, तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी मुहम्मदाबाद गोहना, तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी पर केस हुआ है। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन पर्यवेक्षक कैलाश सिंह, जितेंद्र कुमार राय, शोयब अहमद खान और 14 अज्ञात भी आरोपी बनाए गए हैं।

उधर, समाज कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर संयुक्त निदेशक समाज कल्याण सुनील कुमार सिंह बिसेन की अध्यक्षता में जिला समाज कल्याण अधिकारी चंदौली और डीडीआर गोंडा की तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन करके प्रत्येक अध्यापक के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच कराई थी।

मुख्यमंत्री से हुई थी शिकायत

अंबेडकर स्कूलों में 74 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई थी। इसके बाद 24 फरवरी 2018 को तत्कालीन जिलाधिकारी प्रकाश बिंदु ने बीएसए कार्यालय का औचक निरीक्षण कर अंबेडकर विद्यालयों के अध्यापकों की नियुक्तियों के अनुमोदन संबंधी पत्रावलियों की तलाश की थी। उस समय केवल 32 अध्यापकों के अनुमोदन की फाइलें मिली थीं। इन्हें डीएम ने ट्रेजरी के लाॅकर में जमा करा दिया था। इसके बाद डीएम ने प्रकरण की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम बनाई थी। मामला संदिग्ध पाए जाने पर डीएम के निर्देश पर बीएसए और समाज कल्याण अधिकारी ने 20 अंबेडकर विद्यालयों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी।

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