मोकामा हत्याकांड के बाद सख्त हुआ चुनाव आयोग, बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पर कसेगा शिकंजा

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पटना: मोकामा में चुनावी हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि लाइसेंसी हथियार तुरंत जमा कराए जाएं और कानून-व्यवस्था पर सख्ती से नजर रखी जाए। मोकामा में बीते दिनों हुई गोलीबारी और हत्या की घटना ने बिहार में चुनावी माहौल को गर्मा दिया है।

चुनाव आयोग की आपात बैठक

चुनाव आयोग ने हिंसा के बाद बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी और डीजीपी के साथ एक आपात बैठक बुलाई। बैठक में हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई और सभी जिलों के एसपी को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या धमकाने की कोशिश पर त्वरित कार्रवाई की जाए।

FIR दर्ज, आरोपी फरार

मोकामा हत्याकांड के संबंध में पुलिस ने कई लोगों पर FIR दर्ज की है, जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं और सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।

हथियारों पर निगरानी

चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी लाइसेंसी हथियार तुरंत थानों में जमा कराए जाएं। इसके साथ ही गैरकानूनी हथियारों की तलाशी अभियान भी तेज किया गया है। सभी संवेदनशील क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियां भेजी जा रही हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

मोकामा की घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। वहीं, एनडीए नेताओं ने दावा किया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और प्रशासन पूरी सख्ती से काम कर रहा है।

चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा, “हिंसा की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को स्पष्ट निर्देश हैं कि चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

पृष्ठभूमि

मोकामा में कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान दो गुटों में झड़प और गोलीबारी हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है।

🔹 घटना स्थल: मोकामा, पटना जिला
🔹 घटना: चुनावी हिंसा और हत्या
🔹 मुख्य निर्देश: हथियार जमा करें, सख्त निगरानी
🔹 जिम्मेदार एजेंसी: चुनाव आयोग और बिहार पुलिस

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