प्रेमानंद महाराज की तस्वीरें लेकर दरगाह पहुंचे मुस्लिम युवा — ‘पहलवान बाबा’ से मांगी सेहतमंदी की दुआ, बेतूल में मिसाल बनी अद्भुत आस्था

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मध्य प्रदेश के बैतूल जिले से धार्मिक एकता और भाईचारे की एक अनोखी मिसाल सामने आई है। यहाँ कुछ मुस्लिम युवाओं ने प्रेमानंद महाराज की सेहतमंदी के लिए दरगाह जाकर विशेष दुआ की। युवाओं ने महाराज की तस्वीरें अपने सीने से लगाई और ‘पहलवान बाबा’ की दरगाह पर चादर चढ़ाकर उनकी जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की।

यह दृश्य देखकर दरगाह में मौजूद लोग भावुक हो उठे — क्योंकि यह सिर्फ किसी धर्मगुरु के प्रति श्रद्धा का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि आपसी सौहार्द और एकता की गूंज भी थी।


🔸 दरगाह में गूंजी “प्रेमानंद महाराज अमर रहें” की आवाज़

जानकारी के मुताबिक, बैतूल शहर के कुछ मुस्लिम युवक शुक्रवार को ‘पहलवान बाबा की दरगाह’ पहुंचे।
वे अपने साथ प्रेमानंद महाराज की तस्वीरें लेकर आए थे।
दरगाह में चादर चढ़ाने के बाद उन्होंने महाराज की अच्छी सेहत के लिए हाथ उठाकर दुआ मांगी।

दरगाह के साजिद नाम के एक युवक ने कहा —

“महाराजजी ने हमेशा लोगों को प्रेम, भाईचारा और इंसानियत का संदेश दिया है। उनके लिए दुआ करना हमारी इंसानियत का फर्ज है, धर्म से इसका कोई लेना-देना नहीं।”


🔹 प्रेमानंद महाराज की तबीयत को लेकर देशभर में चिंता

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से प्रेमानंद महाराज की तबीयत ठीक नहीं चल रही है, जिसके चलते उनके अनुयायी देशभर में उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी लोग लगातार महाराज की सेहत को लेकर पोस्ट साझा कर रहे हैं और दुआ मांग रहे हैं।


🔸 ‘पहलवान बाबा की दरगाह’ में हर धर्म के लोग आते हैं

बैतूल की यह दरगाह हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक मानी जाती है।
हर साल यहां हजारों श्रद्धालु आते हैं — चाहे वे किसी भी धर्म से हों।
दरगाह समिति के सदस्यों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब किसी दूसरे धर्म के लोगों ने यहां आकर दुआ की हो।

“यहां हर कोई अपनी मुराद लेकर आता है और बाबा किसी को निराश नहीं करते,” — समिति के सदस्य ने कहा।


🔹 प्रेमानंद महाराज: अध्यात्म और सेवा के प्रतीक

प्रेमानंद महाराज मध्य प्रदेश और देशभर में अपने आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध हैं।
वे प्रेम, करुणा और राष्ट्रभक्ति के संदेश को प्रमुखता से प्रचारित करते हैं।
उनके अनुयायियों की संख्या देश-विदेश में लाखों में है।
हाल के दिनों में स्वास्थ्य कारणों से उनके सार्वजनिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया था।


🕊️ धर्म से ऊपर उठकर मानवता की मिसाल

बैतूल की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सच्ची आस्था की कोई सरहद नहीं होती।
जहां एक ओर देश में अक्सर धार्मिक मतभेदों की चर्चा होती है, वहीं इन युवाओं का कदम यह संदेश देता है कि “इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।”

दरगाह में मौजूद लोगों ने कहा कि यह दृश्य देखकर उनका मन भावुक हो उठा।
एक श्रद्धालु ने कहा —

“यह दृश्य बताता है कि जब बात प्रेम और करुणा की हो, तो कोई दीवार मायने नहीं रखती।”


🔚 निष्कर्ष

मध्य प्रदेश के बैतूल में मुस्लिम युवाओं द्वारा प्रेमानंद महाराज के लिए दरगाह में दुआ मांगना सिर्फ एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि सद्भाव, एकता और मानवता का प्रतीकात्मक उदाहरण है।
ऐसे वक्त में जब समाज विभाजन की बातों से घिरा रहता है, यह पहल एक मजबूत संदेश देती है —

“धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन दिलों की दुआ एक ही होती है।”

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