अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) बहुत जल्द अंतरिक्ष में न्यूक्लीयर रिएक्टर लगाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकती है। नासा ने इस प्रोजेक्ट की लागत का भी खुलासा किया है।
क्या है नासा की योजना?
नासा का लक्ष्य 100 किलोवाट क्षमता वाला एक परमाणु रिएक्टर विकसित करना है। यह रिएक्टर चंद्रमा पर भविष्य की अर्थव्यवस्था को गति देने और अमेरिका की अंतरिक्ष सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा।
एक प्रमुख चिंता यह है कि अगर रूस या चीन जैसी अन्य अंतरिक्ष शक्तियां पहले चंद्रमा पर ऐसा रिएक्टर स्थापित कर लेती हैं, तो वे चंद्रमा पर अपना दावा कर सकती हैं, जिससे अमेरिका के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं। इसी वजह से इस परियोजना को अत्यधिक प्राथमिकता दी जा रही है।
अरबों डॉलर का खर्च
इस परियोजना की लागत अरबों डॉलर होने की उम्मीद है। नासा ने 2022 में ही तीन निजी कंपनियों को प्रारंभिक डिजाइन तैयार करने के लिए 50-50 लाख डॉलर (करीब 40 करोड़ रुपये) दिए थे।
रोल्स-रॉयस जैसी कंपनियों के अनुभव के अनुसार, रिएक्टर के निर्माण, ऊर्जा वितरण और संचालन में भारी लागत आती है। यह परियोजना आर्टेमिस मिशन का भी हिस्सा है, जिसकी अनुमानित लागत 8,200 अरब रुपये है।
क्या है नासा का अगला कदम
डफी के ज्ञापन में कहा गया है कि नासा को 60 दिनों के भीतर निजी कंपनियों से सुझाव लेना होगा और जल्द ही इस परियोजना के लिए एक प्रमुख अधिकारी नियुक्त करना होगा। नासा ऐसी कंपनियों की तलाश में है जो 2030 तक चंद्रमा पर रिएक्टर स्थापित कर सकें।
इस तकनीक से भविष्य में मंगल ग्रह जैसे अन्य ग्रहों पर भी ऊर्जा उपलब्ध कराना संभव हो सकता है, जो स्पेस एक्सप्लोरेशन में एक क्रांति ला सकता है।