
नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने देश को अपने पहले आधिकारिक संबोधन में ऐतिहासिक घोषणा की है। उन्होंने घोषणा की कि अब नेपाल में मतदान की न्यूनतम आयु घटाकर 16 साल कर दी गई है। इस कदम का उद्देश्य युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल करना और लोकतंत्र को और मजबूत बनाना बताया गया है।
प्रधानमंत्री का संबोधन
सुशीला कार्की ने कहा कि यह निर्णय देश के भविष्य और युवा शक्ति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब युवाओं को जिम्मेदारीपूर्ण मतदान और राष्ट्रीय विकास में अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। कार्की ने जोर देकर कहा कि युवाओं की भागीदारी लोकतंत्र को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
राजनीतिक और सामाजिक महत्व
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मतदान की उम्र घटाने से युवाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
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यह कदम देश के भविष्य की नीतियों में युवा दृष्टिकोण को शामिल करने के प्रयास का हिस्सा है।
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अंतरिम सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि नई नीतियों और सुधारों में युवाओं की राय को प्राथमिकता दी जाएगी।
देश की प्रतिक्रिया
नेपाली नागरिकों और राजनीतिक विशेषज्ञों ने इस ऐलान का स्वागत किया है। कई लोगों ने इसे लोकतंत्र की दिशा में सकारात्मक पहल माना, जबकि कुछ ने यह भी कहा कि युवा मतदाताओं के शिक्षित और जिम्मेदार मतदान पर ध्यान देना आवश्यक होगा।
आगे की प्रक्रिया
इस बदलाव के बाद आगामी चुनावों में 16 साल के युवा मतदाता भी मतदान कर सकेंगे। चुनाव आयोग नई व्यवस्था के अनुसार मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया को अपडेट कर रहा है और युवाओं को मतदान में शामिल करने के लिए तैयारी कर रहा है।
अंतरिम पीएम सुशीला कार्की की भूमिका
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री हैं। उनका यह पहला देशव्यापी संबोधन था, जिसमें उन्होंने सरकार की प्राथमिकताओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में जनता को जानकारी दी। उनका यह कदम युवाओं और लोकतंत्र को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण का प्रतीक माना जा रहा है।