लाल किला ब्लास्ट पर देशभर में शोक: पीएम मोदी ने जताया दुख, राजनाथ सिंह और ओवैसी ने कहा – दोषियों को मिले सख्त सजा

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दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए भीषण धमाके ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत और 24 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। जांच एजेंसियां घटना की तह तक पहुंचने में जुटी हैं, वहीं राजनीतिक और सामाजिक जगत से लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।


पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा —

“दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए विस्फोट में निर्दोष लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार इस घटना की पूरी जांच करा रही है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी पूरी रिपोर्ट तलब की है।


राजनाथ सिंह बोले – यह मानवता के खिलाफ अपराध

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दिल्ली ब्लास्ट को “मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध” बताया। उन्होंने कहा —

“जो भी लोग इस कृत्य के पीछे हैं, उन्हें कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। किसी निर्दोष को नुकसान पहुंचाना कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों से कहा है कि वे जांच में तेजी लाएं और दिल्ली की सुरक्षा को उच्चतम स्तर पर सुनिश्चित करें।


ओवैसी ने कहा – आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी

AIMIM प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह आतंक फैलाने की एक साजिश है, जिसका उद्देश्य देश में डर और अविश्वास का माहौल बनाना है।
उन्होंने कहा —

“सरकार को चाहिए कि वह जांच निष्पक्ष रखे और असली गुनहगारों तक पहुंचे। आतंकवाद के नाम पर किसी समुदाय को निशाना बनाना गलत होगा।”

ओवैसी ने यह भी कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को तकनीकी संसाधनों और इंटेलिजेंस नेटवर्क को और मजबूत करना चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को पहले ही रोका जा सके।


गृह मंत्रालय और एनआईए की टीम सक्रिय

गृह मंत्रालय ने इस विस्फोट को गंभीर आतंकी साजिश मानते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और NSG (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) की संयुक्त टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है।
एनआईए की प्रारंभिक रिपोर्ट में विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट और अन्य रासायनिक तत्वों के उपयोग के संकेत मिले हैं।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल अधिकारी ने बताया कि ब्लास्ट में इस्तेमाल i-20 कार से मिले अवशेष और फरीदाबाद से बरामद 2900 किलो केमिकल के बीच समानता पाई गई है। इससे शक गहरा गया है कि यह साजिश किसी आतंकी संगठन से जुड़ी हो सकती है।


घटना के बाद दिल्ली में बढ़ाई गई सुरक्षा

धमाके के बाद दिल्ली में अलर्ट जारी कर दिया गया है। लाल किला, चांदनी चौक, इंडिया गेट, संसद मार्ग और प्रमुख मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
CCTV फुटेज और वाहन रजिस्ट्रेशन डेटा की जांच जारी है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने कहा कि

“यह घटना किसी सामान्य आपराधिक गतिविधि का परिणाम नहीं लगती। हमने सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी है। जनता से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।”


राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं

इस घटना ने देश के राजनीतिक माहौल में भी हलचल मचा दी है।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह सरकार की सुरक्षा नीतियों की विफलता है, जबकि बीजेपी प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा कि “जांच पूरी होने से पहले राजनीति करना अनुचित है।”

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह दिल्ली के लोगों पर हमला है। उन्होंने घायलों के लिए आर्थिक मदद और इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।


जनता में भय और आक्रोश का माहौल

ब्लास्ट के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है।
कई स्थानीय निवासियों ने बताया कि धमाके के बाद चारों ओर धुआं और चीख-पुकार मच गई थी।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “धमाका इतना जोरदार था कि मेट्रो स्टेशन की दीवारें तक हिल गईं।”


जांच के केंद्र में आतंकी कनेक्शन

एनआईए सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम सामने आया है।
हालांकि, एजेंसियों ने आधिकारिक रूप से इस बात की पुष्टि नहीं की है।
जांच टीमों ने दिल्ली, फरीदाबाद और नोएडा के कुछ ठिकानों पर छापेमारी की है और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।


निष्कर्ष

दिल्ली ब्लास्ट ने न केवल राजधानी की सुरक्षा प्रणाली को चुनौती दी है, बल्कि पूरे देश में चिंता की लहर दौड़ा दी है।
प्रधानमंत्री से लेकर विपक्षी नेताओं तक सभी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमें अब इस साजिश की गुत्थी सुलझाने में जुटी हैं। आने वाले दिनों में जांच की दिशा यह तय करेगी कि यह हमला किसी आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था या किसी अन्य षड्यंत्र का नतीजा।

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