भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर सितंबर में अगस्त के उच्च स्तर से कम हो गई। इस बीच, भारत के निजी क्षेत्र में मजबूत वृद्धि जारी रही, लेकिन सितंबर के दौरान नए ऑर्डर, अंतरराष्ट्रीय बिक्री, व्यावसायिक गतिविधि और रोजगार में धीमी वृद्धि हुई।

भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में सितंबर माह में मामूली गिरावट दर्ज की गई। यह अगस्त के उच्च स्तर से कम हो गई। मासिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में यह जानकारी मिली। सर्वे के अनुसार नए व्यवसाय और गतिविधि धीमी दर से बढ़ी। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अगस्त के 15 साल के उच्च स्तर 62.9 से घटकर सितंबर में 60.9 पर आ गया।
सितंबर का पीएमआई इंडेक्स न्यूट्रल स्तर से ऊपर रहा
रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिस्पर्धी बाजार स्थितियों और लागत नियंत्रण उपायों के चलते यह गिरावट देखी गई है। इसके बावजूद, सितंबर का पीएमआई इंडेक्स 50 के न्यूट्रल स्तर से काफी ऊपर रहा, जो उत्पादन में एक और मजबूत वृद्धि का संकेत देता है। क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में, 50 से ऊपर का अंक विस्तार को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है।
व्यावसायिक गतिविधि हुई कम
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत के सेवा क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधि अगस्त के उच्च स्तर से सितंबर में कम हुई है। अधिकांश ट्रैकर्स में नरमी आई है, लेकिन सर्वेक्षण में ऐसा कुछ भी नहीं दिखा जिससे पता चले कि सेवाओं में वृद्धि की गति में कोई बड़ी गिरावट आई है।
भंडारी ने कहा कि भविष्य गतिविधि सूचकांक मार्च के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह सेवा कंपनियों के बीच व्यावसायिक संभावनाओं के बारे में मजबूत आशावाद का संकेत देता है।
अंतरराष्ट्रीय बिक्री धीमी गति से बढ़ी
सितंबर में भारतीय सेवाओं की बाहरी बिक्री में वृद्धि तो जारी रही, लेकिन मार्च के बाद यह सबसे धीमी गति से बढ़ी। कंपनियों ने बताया कि अन्य बाजारों में कम कीमतों पर सेवाएं उपलब्ध होने के कारण निर्यात ऑर्डरों की वृद्धि दर पर असर पड़ा है।
मूल्य के मोर्चे पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति की गति मध्यम थी, जो मार्च के बाद से सबसे धीमी थी और मोटे तौर पर दीर्घावधि शृंखला औसत के अनुरूप थी, क्योंकि भारतीय सेवाओं के प्रावधान के लिए ली जाने वाली कीमतें भी सितंबर में कमजोर दर से बढ़ीं।
रोजगार सृजन रहा धीमा
सर्वे के अनुसार, सितंबर के दौरान रोजगार सृजन धीमा रहा। रोजगार में मामूली वृद्धि हुई, क्योंकि निगरानी में रखी गई कंपनियों में से 5 प्रतिशत से भी कम ने नियुक्ति में वृद्धि दर्ज की। इस बीच, सितम्बर में विकास संभावनाओं के बारे में कम्पनियों के आकलन में सुधार हुआ और समग्र सकारात्मक भावना छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
कंपोजिट पीएमआई में आई गिरावट
एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स सितंबर में अगस्त के 63.2 से गिरकर 61.0 पर आ गया। यह जून के बाद से सबसे कम वृद्धि दर दर्शाता है। फिर भी, यह आंकड़ा अपने दीर्घकालिक औसत और 50.0 के तटस्थ स्तर से काफी ऊपर रहा।
कॉम्पोजिट पीएमआई इंडेक्स, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई इंडेक्स का भारित औसत होता है। इसमें वजन का निर्धारण आधिकारिक जीडीपी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के सापेक्ष आकार के आधार पर किया जाता है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि समग्र स्तर पर कुल बिक्री तीन महीनों में सबसे धीमी गति से बढ़ी है। वहीं निजी क्षेत्र में लागत और शुल्क क्रमशः दो और तीन महीनों में सबसे धीमी दर से बढ़े हैं।
आगामी वर्ष के लिए अनुकूल परिस्थिती की हुई पहचान
सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने आगामी वर्ष के लिए गतिविधि के दृष्टिकोण में कई अनुकूल परिस्थितियों की पहचान की। इनमें विज्ञापन, दक्षता में वृद्धि, प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण की योजना और कर कटौती शामिल हैं। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा लगभग 400 सेवा क्षेत्र कंपनियों को भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों के आधार पर तैयार किया जाता है।