एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालीन ‘सॉवरेन’ साख को ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर ‘बीबीबी’ और अल्पकालिक रेटिंग को ‘ए-3’ से बढ़ाकर ‘ए-2’ कर दिया है। अमेरिकी एजेंसी ने बयान में कहा कि दीर्घकालिक रेटिंग की बात करें तो फिलहाल परिदृश्य स्थिर है।


वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने गुरुवार को भारत की साख को एक पायदान बढ़ाकर ‘बीबीबी’ कर दिया है। एजेंसी ने महंगाई पर अंकुश लगाने वाले बेहतर मौद्रिक नीति उपायों के साथ मजबूत आर्थिक वृद्धि का हवाला देते हुई रेटिंग बढ़ाई है। भारत की रेटिंग को निम्नतम निवेश स्तर ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाने वाली एसएंडपी पहली वैश्विक रेटिंग एजेंसी है।
एसएंडपी ने अपने बयान में कहा, “भारत राजकोषीय मजबूती को प्राथमिकता दे रहा है। यह मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करने के अभियान को बनाए रखते हुए, स्थायी सार्वजनिक वित्त मुहैया कराने के मामले में सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
बयान के अनुसार, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालीन ‘सॉवरेन’ साख को ‘बीबीबी-‘ से बढ़ाकर ‘बीबीबी’ और अल्पकालिक रेटिंग को ‘ए-3’ से बढ़ाकर ‘ए-2’ कर दिया है। अमेरिकी एजेंसी ने बयान में कहा कि दीर्घकालिक रेटिंग की बात करें तो फिलहाल परिदृश्य स्थिर है।
एसएंडपी के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था पर अमेरिकी टैरिफ का असर प्रबंधित किए जा सकने वाले दायरे में होगा। भारत व्यापार पर अपेक्षाकृत कम निर्भर है और इसकी लगभग 60 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि घरेलू खपत से आती है।”
बयान के अनुसार, हालांकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन 50 प्रतिशत शुल्क (यदि लगाया जाता है) से वृद्धि पर कोई बड़ा असर पड़ने की आशंका नहीं है।
इस रेटिंग अपग्रेड के बाद वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, “भारत सरकार एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ से ‘बीबीबी’ और अल्पकालिक रेटिंग को ‘ए-3’ से ‘ए-2’ करने के निर्णय का स्वागत करती है। इसमें स्थिर दृष्टिकोण शामिल है। एसएंडपी ने पिछली बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग को ‘बीबीबी-‘ किया था, इसलिए यह रेटिंग अपग्रेड 18 साल के अंतराल के बाद आया है। रेटिंग अपग्रेड इस बात की पुष्टि करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, स्थिरता के साथ भारत की अर्थव्यवस्था वास्तव में चुस्त, सक्रिय और लचीली है…”