वाराणसी में नौ दिन तक लगातार पांच मीटर बढ़ने के बाद बुधवार से गंगा का जलस्तर कम होने लगा। अब हर घंटे दो सेंटीमीटर गंगा का पानी नीचे आ रहा है। साथ ही वरुणा और अस्सी के पलट प्रवाह की गति पहले से कम हो गई फिर भी लोगों को अब भी राहत नहीं मिली है।
Flood In Varanasi – फोटो : India Views
वाराणसी में बुधवार को गंगा में उफान कम हुआ तो जलधारा सड़कों और गलियों से वापस घाटों की सीढ़ियों तक लौटने लगी है। गंगा बाबा विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार से 12 सीढ़ी नीचे हैं। वहां ललिता घाट और दीवारें पूरी तरह से पानी में डूबी हैं।
नमो घाट बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा। किसी भी पर्यटक या श्रद्धालुओं को आने-जाने नहीं दिया गया। राजघाट की सड़क पर लगा पानी पीछे हटकर वापस सीढ़ियों पर चला गया। घाटों पर मंदिरों के शिखर का कुछ हिस्सा दिखने लगा है।
Flood In Varanasi – फोटो : India Views
मणिकर्णिका घाट की ओर से आया पानी अब गली में आश्रम के गेट से थोड़ा पीछे हो गया है। शवों को पानी के रास्ते नाव से ले जाकर छत पर अंत्येष्टि कराई जा रही। एक बार में 7-8 शव ही जल पा रहे हैं।
Flood In Varanasi – फोटो : India Views
सामनेघाट की कॉलोनियों से लौट रहा पानी
दशाश्वमेध और शीतला घाट के बाहर सड़क तक पानी लगा हुआ है। लोग वहीं स्नान कर रहे हैं। अस्सी घाट को पार करके बाजार में पहुंची जलधारा अब जगन्नाथ मंदिर के द्वार तक आ गई है।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ के पानी में पूरा जलमग्न सिंधिया घाट स्थित दत्तात्रेय मंदिर – फोटो : India Views
वहीं सामनेघाट पर महेश नगर समेत कई कॉलोनियों से पानी वापस लौटना शुरू हो चुका है, हालांकि सड़क पर करीब 200 मीटर तक गंगा का पानी 3-4 फीट तक लगा रहा। इससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतें हुईं।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आए बाढ़ के पानी में पूरा जलमग्न हुआ सिंधिया घाट स्थित दत्तात्रेय मंदि – फोटो : India Views
राहत सामग्री न मिलने पर किया हंगामा
नगवा गंगोत्री विहार इलाके में बाढ़ में फंसे आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने बुधवार देर शाम राहत सामग्री न मिलने पर हंगामा कर दिया। नगवा प्राथमिक विद्यालय में बने राहत शिविर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ का ड्रोन शॉर्ट – फोटो : India Views
आरोप लगाया कि सरकार की ओर से मुहैया कराए जाने वाला जरूरी खाद्यान्न पदार्थ पानी उनको नहीं मिल पा रहा है। बाढ़ से पीड़ित हैं और खरीद कर खाने पीने के लिए मजबूर हो रहे हैं। नगवा वार्ड के पार्षद प्रतिनिधि डॉ. रविंद्र सिंह ने बताया कि गंगोत्री बिहार की एक लेन काफी सकरी है, जिससे वहां नाव नहीं जा सकी।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ के पानी में डूबी अस्सी घाट जाने वाले मार्ग पर रखीं मूर्तियां – फोटो : India Views
प्रसव से कराह रही महिला को चारपाई पर पहुंचाया पीएचसी
बाढ़ प्रभावित गोबरहा गांव की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने पर चारपाई पर उठाकर पानी से बाहर लाया गया। चिरईगांव पीएचसी में भर्ती कराया गया। चौबेपुर के पिपरी गांव में छह जनरेटर के सहारे लोग रात गुजार रहे हैं। बेला धौरहरा मार्ग, बेला बर्थरा खुर्द मार्ग जलमग्न हो गया है। वहीं, बाढ़ के चलते गोबरहा गांव में सुनील को सांप ने डंस लिया। उसे कंधे पर उठाकर पानी पार कराया गया, जिसके बाद अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया गया।
Flood in varanasi – फोटो : India Views
वहीं चिरईगांव के ढाब क्षेत्र के रामचंदीपुर, मोकलपुर, गोबरहा, रामपुर, रेतापार, मुस्तफाबाद, चांदपुर, छितौना, लूठा और शिवदशा गांव अब पानी में डूबे हुए हैं। मुख्य रास्ते से आवागमन बंद है। एडीएम वित्त ने बताया कि बाढ़ से घिरे गांवों में राहत सामग्री, भूसा और चारा वितरण का कार्य राजस्व टीम की निगरानी में जारी है। क्षेत्रीय नायब तहसीलदार सुरेखा वर्मा ने कहा कि बाढ़ प्रभावित गांवों में कुल 37 नावें प्रशासन की ओर से लगाई गई हैं।
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पानी उतरने के बाद बहाल होने लगी आपूर्ति, उपभोक्ताओं को राहत
वाराणसी जिले के 13 बिजली उपकेंद्र जो बाढ़ के पानी से घिर गए हैं, वहां एहतियातन मंगलवार से बिजली काटी गई थी लेकिन जैसे-जैसे पानी उतरता जा रहा है, यहां बिजली निगम की ओर से आपूर्ति बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बीच बुधवार को रमना, शूलटंकेश्वर फीडर से जिन जगहों पर बिजली आपूर्ति दी जाती है, वहां पानी कम होने लगा। इसके बाद आपूर्ति बहाल की जा रही है। निगम के मुख्य अभियंता राकेश पांडेय ने बताया कि पानी कम होने के साथ ही सुरक्षा मानकों का ख्याल रखते हुए आपूर्ति बहाल करने को कहा गया है।
Flood in varanasi – फोटो : India Views
लगातार 9 दिन 5 मीटर बढ़ने के बाद 35 सेमी घटा गंगा का जलस्तर
वाराणसी में नौ दिन तक लगातार पांच मीटर बढ़ने के बाद बुधवार से गंगा का जलस्तर कम होने लगा। अब हर घंटे दो सेंटीमीटर गंगा का पानी नीचे आ रहा है। साथ ही वरुणा और अस्सी के पलट प्रवाह की गति पहले से कम हो गई फिर भी कोनिया, सामनेघाट, नक्खीघाट, नगवा, पिपरी और चिरईगांव आदि इलाकों में लोगों को अब भी राहत नहीं मिली है। लगातार दूसरे दिन लंका और रामनगर को जोड़ने वाला सामनेघाट-रामनगर पुल चार पहिया वाहनों के लिए नहीं खोला गया।
Flood in varanasi – फोटो : India Views
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, बुधवार की रात 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 71.98 मीटर था जो खतरे के निशान से 82 सेमी और चेतावनी बिंदु से 182 सेमी ज्यादा है। अनुमान है कि बृहस्पतिवार की सुबह आठ बजे तक जलस्तर 71.45 मीटर पर आ जाएगा।
Flood in varanasi – फोटो : India Views
जलस्तर कम होने का सिलसिला जारी रहेगा। सामनेघाट की सड़क पर आया घुटने और कमर तक पानी आधा फीट कम हो गया है। केंद्रीय जल आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले 29 दिनों तक गंगा का जलस्तर सात मीटर तक ऊपर चढ़ा था लेकिन बुधवार को पहली बार जलस्तर में कमी दर्ज की गई।
Flood in varanasi – फोटो : India Views
बहरहाल, बाढ़ की वजह से 50 हजार से ज्यादा लोग भी प्रभावित हैं। राहत आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, बुधवार को 38 परिवारों के 400 से ज्यादा बाढ़ प्रभावित शिविरों तक पहुंचाए गए। अब तक 823 परिवारों के आठ हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। साथ ही लोगों को बीमारियों और दुश्वारियों के बढ़ने का डर सताने लगा है।