मेरठ के सिवालवास में लापता हुए तीन बच्चों के शव मिलने के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। लापता तीन मासूमों के शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया। परिजनों ने तंत्र-मंत्र में हत्या किए जाने की आशंका जताई है।

रविवार सुबह 10 बजे कस्बा निवासी जितेंद्र की सात वर्षीय पुत्री मानवी, मोनू का आठ वर्षीय पुत्र शिवांश और हिम्मत का आठ वर्षीय पुत्र ऋतिक घर के बाहर खेल रहे थे। तीनों अचानक लापता हो गए। पुलिस और ग्रामीणों ने काफी तलाश की, मगर वे नहीं मिले।
मेरठ के कस्बा सिवालखास में तीन बच्चों शिवांश, ऋतिक और मानवी की मौत से परिजनों के साथ ही हर कोई हैरान है। इस घटना से तीनों परिवारों की खुशियां छिन गई और मातम छा गया। घटना के शोक और विरोध में कई बाजार बंद रहे।
सोमवार सुबह तीनों के शव मिलने की बात तेजी से कस्बे में फैली तो बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए। कस्बे की अधिकतर दुकानें नहीं खोली गई। आसपास के कई मजदूर तक काम पर नहीं गए। यहां आसपास के परिवार भी बच्चों की इस तरह मौत से हैरान और आहत हैं। पड़ोसी महिलाएं भी तीनों परिवारों के सदस्यों को सांत्वना देने में लगे रहे।
सोमवार शाम पुलिस पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शव उनके घर लेकर पहुंची। एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा और एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश ने प्रत्येक मृतक बच्चे के परिजनों को 25 हजार रुपये नकद दिए और सरकार से चार-चार लाख रुपये दिलवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद रात आठ बजे बच्चों के शवों को दफनाया गया।
मेरठ-बागपत हाईवे पर जानी गंगनहर पुलिया पर बच्चों के परिजन और ग्रामीण हंगामा करते रहे। कई महिलाएं सड़क पर लेटकर आक्रोश जताती रहीं। हाईवे पर हंगामे और जाम के बीच राहगीर भी फंस गए। मार्ग के दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गई। अधिकारियों ने कई थानों की पुलिस बुलाकर ग्रामीणों को वहां से हटाकर जाम खुलवाया। जाम खुलवाने का महिलाओं ने विरोध किया। बड़ी मशक्कत से मामला शांत कराया गया।
बच्चों की मौत की सूचना के बाद परिजन और महिलाएं सिवालखास चौकी पहुंच गई। महिलाओं ने सिवाल चौकी पर जमकर हंगामा किया। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मानी। हंगामे के दौरान कई महिलाएं अचेत हो गई। उनका कहना था कि इस तरह पहले भी बच्चे गुम हो चुके हैं। इस मामले का सही खुलासा होना चाहिए।
परिजन बच्चों की हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों की किसी से दुश्मनी भी नहीं है। तीनों बच्चों के पिता मजदूरी कर अपने परिवार चला रहे हैं। ग्रामीण आरोप लगा रहे हैं कि बच्चों की हत्या कहीं और की गई है। शवों को यहां सुबह लाकर डाला गया है। आशंका है कि किसी तांत्रिक क्रिया के चलते हत्या न की गई हो।
रविवार सुबह बच्चे घर के बाहर खेलते समय हुए लापता
दोपहर 12 बजे परिजनों को बच्चों का गायब होने का पता चला
ग्रामीणों ने शाम छह बजे तक तलाश के बाद उनकी गुमशुदगी जानी थाने में दर्ज करवाई
रविवार रात 11 बजे अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई
सोमवार सुबह छह बजे खाली प्लांट में पानी के गड्ढे में बच्चों के शव मिले
सात बजे से 12 बजे तक महिलाओं और ग्रामीणों ने किया हंगामा
कुछ महिलाओं और ग्रामीणों ने मेरठ-बागपत हाईवे पर जानी गंगनहर पुल पर जाम लगाया
रविवार शाम पांच बजे पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचे
अफसरों के आश्वासन पर रात आठ बजे बच्चों के शवों को दफनाया गया