उत्तर प्रदेश: पिता ने 15 वर्षीय बेटी से की दरिंदगी, कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा और लगाया जुर्माना

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बांदा के गिरवां थाना क्षेत्र का मामला, अदालत ने कहा — “ऐसे अपराधी को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं”

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। गिरवां थाना क्षेत्र में एक पिता ने अपनी 15 साल की नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद पूरे इलाके में गुस्से का माहौल फैल गया। अब अदालत ने इस जघन्य अपराध के आरोपी पिता को 20 साल की कठोर कैद और ₹11,000 का जुर्माना लगाने की सजा सुनाई है।


🔹 घटना का मामला

यह घटना गिरवां थाना क्षेत्र के एक गांव की है। साल 2022 में पीड़िता की मां की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।
शिकायत में कहा गया था कि आरोपी पिता ने रात में बेटी के साथ जबरदस्ती की और उसे धमकाया कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा।

डरी-सहमी नाबालिग ने कुछ दिनों तक बात छिपाई, लेकिन तबियत बिगड़ने के बाद मां को सच्चाई बताई।
इसके बाद परिवार ने गिरवां थाने में आरोपी पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया।


🔹 पुलिस की जांच और सबूत

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया और पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
मामले की विवेचना के दौरान डीएनए रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और पीड़िता के बयान को अदालत ने अहम सबूत माना।


🔹 अदालत का फैसला

विशेष पॉक्सो कोर्ट (POSCO Court) ने सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी पिता को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत दोषी ठहराया।

🧑‍⚖️ जज ने कहा:

“जिस व्यक्ति पर बेटी की रक्षा की जिम्मेदारी थी, वही उसकी अस्मिता का हनन करने वाला निकला।
ऐसे अपराधी को समाज में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।”

कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की कठोर कैद और ₹11,000 का जुर्माना भरने का आदेश दिया।
अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो उसे अतिरिक्त 6 महीने की सजा भुगतनी होगी।


🔹 सरकारी पक्ष का बयान

सरकारी वकील (एडीजीसी) ने बताया कि यह मामला पॉक्सो एक्ट के तहत रेयर-ऑफ-द-रेयरेस्ट श्रेणी का था।
उन्होंने कहा —

“यह फैसला उन अपराधियों के लिए चेतावनी है जो रिश्तों की मर्यादा तोड़ते हैं। अदालत ने समाज में एक मजबूत संदेश दिया है।”


🔹 पीड़िता के लिए न्याय

कोर्ट ने आदेश दिया है कि पीड़िता को सरकारी योजना के तहत मुआवजा राशि दी जाए और उसके पुनर्वास के लिए काउंसलिंग व सहायता उपलब्ध कराई जाए।
जिला प्रशासन को इस पर जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

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