वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। सोमवार को दोपहर बाद शीतला घाट की तरफ से पानी चढ़ने लगा और सब्जी मंडी को पार करते हुए दशाश्वमेध प्लाजा तक पहुंच चुका था। नमो घाट पर स्कल्पचर भी डूब गया है।
varanashi flood – फोटो : India Views
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अगले कुछ घंटों में गंगा के जलस्तर में और भी बढ़ोतरी के आसार हैं। दरअसल, कानपुर गंगा बैराज से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो चार दिन में बनारस पहुंच जाएगा। ऐसे में गंगा के जलस्तर में फिलहाल ठहराव या कमी आने के आसार नहीं हैं। केंद्रीय जल आयोग ने भी अगले 24 घंटे तक गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के ही संकेत दिए हैं।
सोमवार को दिन भर गंगा के जलस्तर में आधा सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी और शाम छह बजे तक जारी रही। इसके बाद शाम को सात बजे से गंगा के जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी शुरू हो गई।
वाराणसी में सोमवार को गंगा का जलस्तर और बढ़ा – फोटो : India Views
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा के जलस्तर में 28 जुलाई से बढ़ोतरी शुरू हुई और यह खतरे के निशान को पार कर चुकी है। आठ दिनों में गंगा के जलस्तर में 4.84 मीटर की बढ़ोतरी हुई है। गंगा बैराज कानपुर से सोमवार को पानी छोड़ा गया है।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ में डूबे घाट – फोटो : India Views
विशेषज्ञों का कहना है कि इसका असर चार दिन में नजर आएगा। गंगा बैराज से पानी आने के बाद जलस्तर में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई जा रही है। बलिया में गंगा खतरे के निशान 57.61 मीटर से ऊपर 59.61 मीटर पर, मिर्जापुर में गंगा खतरे के निशान 77.72 से ऊपर 78.37 मीटर पर और गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान 63.10 मीटर से ऊपर 64.35 मीटर पर बह रही हैं।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आए बाढ़ के पानी में डूबा सामने घाट – फोटो : India Views
राजघाट-नमो घाट मार्ग पर यातायात बंद
वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण सोमवार को राजघाट से नमो घाट गेट नंबर तीन की ओर जाने वाले मार्ग पर करीब एक फीट पानी चढ़ गया। सुबह से शाम तक पानी बढ़ने से इस मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया।
नमो घाट पर स्कल्पचर भी डूब गया है। – फोटो : India Views
प्रशासन ने इस मार्ग को फिलहाल ऑटो, कार और छोटे वाहनों के लिए वन-वे ट्रैफिक के रूप में इस्तेमाल करने की व्यवस्था की थी, ताकि राजघाट पुल पर ट्रैफिक जाम से बचा जा सके, लेकिन बाढ़ का पानी चढ़ने से यह वैकल्पिक मार्ग बंद हो गया। नमो घाट पर स्कल्पचर भी डूब गया है।
नक्खीघाट पर वरुणा नदी में आई बाढ़ में डूबे सिघवा घाट क्षेत्र की बस्ती के मकान – फोटो : India Views
दशाश्वमेध प्लाजा तक पहुंचा बाढ़ का पानी, पक्का महाल की गलियों में भी घुसा
गंगा में उफान के कारण सभी 84 घाट डूब चुके हैं। तीन हजार मंदिरों को डुबोने के बाद गंगा अब शहर की ओर बढ़ रही हैं। अस्सी से राजघाट के बीच की गलियों में अब धीरे-धीरे पानी पहुंचने लगा है।
वाराणसी में सोमवार को मणिकर्णिका घाट पर गंगा का जलस्तर – फोटो : India Views
गंगा के जलस्तर बढ़ने की रफ्तार फिलहाल धीमी है लेकिन बढ़ोतरी निरंतर जारी है। सोमवार को दोपहर बाद शीतला घाट की तरफ से पानी चढ़ने लगा और सब्जी मंडी को पार करते हुए दशाश्वमेध प्लाजा तक पहुंच चुका था।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ के पानी में पूरा जलमग्न सिंधिया घाट स्थित दत्तात्रेय मंदिर – फोटो : India Views
84 घाट के तीन हजार से अधिक मंदिर गंगा में डूबे
पक्का महाल की गलियों में घुटने से थोड़ा नीचे बाढ़ का पानी भर गया। गलियों में कई दुकानों में अचानक पानी घुसने के कारण अफरातफरी की स्थिति रही। दशाश्वमेध घाट की सड़क की दो सीढ़ी नीचे फिलहाल गंगा का पानी बह रहा है।
वाराणसी में गंगा में आए बाढ़ के पानी में डूब दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस का कार्यालय – फोटो : India Views
वाराणसी में गंगा में आए बाढ़ के पानी में डूब दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस का कार्यालय – फोटो : संवाद
सीढ़ी के ऊपर आते ही दशाश्वमेध पुलिस चौकी के आगे तक गंगा का पानी चला जाएगा। वहीं मानमंदिर घाट पर भी गंगा का पानी दो सीढ़ी नीचे ही बना हुआ है।
Flood In Varanasi – फोटो : India Views
श्री काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर चार पर गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे सीढ़ियों को अपने समाहित करता जा रहा है। दो दिन में चार सीढ़ियां गंगा में डूब चुकी हैं। गंगा द्वार पर अभी फिलहाल गंगा का जलस्तर 10 सीढ़ी नीचे बना हुआ है।
Flood In Varanasi – फोटो : India Views
चार साल बाद ट्रॉमा सेंटर वाली सड़क पर पहुंचा बाढ़ का पानी
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला बना हुआ है। गंगा का पानी चार साल बाद फिर से ट्रॉमा सेंटर वाली सड़क पर पहुंच चुका है। 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 59 सेंटीमीटर से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है और गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से 81 सेंटीमीटर ऊपर है।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ में दशाश्वमेध घाट – फोटो : India Views
सोमवार की शाम को गंगा का जलस्तर सामनेघाट से होते हुए ट्रॉमा सेंटर रोड पर सरस्वती स्वीट हाउस के आगे तक पहुंच चुका था। घुटने भर पानी सड़क पर भरने के कारण कई लोगों की बाइक, स्कूटी और ऑटो भी बंद हो गए। लोगों को अपने वाहनों को धकेल कर ले जाना पड़ा।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आए बाढ़ के पानी में पूरा जलमग्न हुआ सिंधिया घाट स्थित दत्तात्रेय मंदि – फोटो : India Views
वहीं, रामनगर से आने वाले लोगों को वाहन नहीं मिलने के कारण पैदल ही अपने गंतव्य को रवाना होना पड़ा। यही हाल ट्राॅमा सेंटर से रामनगर की ओर जाने वालों का था। सन 2021 में गंगा का जलस्तर 72.32 मीटर दर्ज किया गया था।
नक्खीघाट पर वरुणा नदी में आई बाढ़ में डूबे सिघवा घाट क्षेत्र की बस्ती के मकान – फोटो : India Views
इस दौरान गंगा का पानी सामने घाट की सड़क पर चढ़ गया था। केंद्रीय जल आयोग की ओर जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 72.03 मीटर था और जलस्तर में एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी।
नक्खीघाट पर वरुणा नदी में आई बाढ़ में डूबे सिघवा घाट क्षेत्र की बस्ती के मकान – फोटो : India Views
सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 72.04 मीटर दर्ज किया गया और जलस्तर में 0.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी। दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 0.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा था और जलस्तर 72.05 मीटर पहुंच गया। दो बजे दिन में गंगा का जलस्तर 72.06 मीटर, शाम को चार बजे जलस्तर 72.07 मीटर था।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ में डूबे घाट – फोटो : India Views
घुटने भर पानी में खड़े होकर करना पड़ रहा 5 घंटे इंतजार
गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण शवदाह करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिले के छह श्मशान घाट पानी में समा गए हैं और दो पर ही शवदाह हो रहा है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए घुटने भर पानी में खड़े होकर पांच घंटे तो वहीं हरिश्चंद्र घाट पर गलियों में शवदाह की जगह कम होने के कारण ढाई से तीन घंटे इंतजार करना पड़ रहा है।
वाराणसी में सोमवार को गंगा में आई बाढ़ के पानी में डूबी अस्सी घाट जाने वाले मार्ग पर रखीं मूर्तियां – फोटो : India Views
अंतिम संस्कार के लिए अब दो से तीन गुना ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। शहर में मणिकर्णिका, हरिश्चंद्र, राजघाट, डोमरी, सरायमोहाना, गढ़वाघाट, सिपहिया घाट और रमना पर शवदाह किया जाता है। गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण राजघाट, डोमरी, सरायमोहाना, गढ़वाघाट, सिपहिया घाट और रमना का शवदाह स्थल डूब गया है।
Flood In Varanasi – फोटो : India Views
मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर ही शवदाह किया जा रहा है। मणिकर्णिका घाट पर बाहर से आने वाले शवयात्रियों को घुटने भर पानी में खड़े होकर पांच-पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है।
Flood In Varanasi – फोटो : India Views
गंगा के बढ़ते जलस्तर के चलते घाट पर बाढ़ का पानी भर गया है। इससे न सिर्फ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया बाधित हो रही है, बल्कि मौके पर मौजूद लकड़ी विक्रेता और नाविक भी मनमाने दाम वसूल रहे हैं।